भोपाल
एनसीसी में पहले डी सर्टिफिकेट भी मिलता था जो इस कैटेगिरी में टॉप रैंक था, लेकिन इसे 70 के दशक में बंद कर दिया गया। लेकिन बावजूद इसके सरकारी नौकरी में छूट की कैटेगिरी में से इसे हटाया नहीं गया। विभागों की भर्ती परीक्षा में इससे मिलने वाली छूट पर भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। अब अफसरों को इसका ध्यान आया है और जीएडी ने यह प्रावधान समाप्त किया है।
मध्यप्रदेश में सत्तर के दशक में एनसीसी डी प्रमाणपत्र का वितरण बंद हो जाने के बाद भी उसके आधार पर शासकीय नौकरी में आयु सीमा में छूट और परीक्षाओं में अतिरिक्त पांच अंक दिए जाने के प्रावधान को सामान्य प्रशासन विभाग ने समाप्त कर दिया है। अब केवल एनसीसी सी प्रमाणपत्रधारकों को यह सुविधा मिलेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सामान्य प्रशासन विभाग ने शासकीय सेवा में नियुक्ति के लिए विभिन्न वर्गो को प्राथमिकता तय की थी। इन वर्गों को मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अधिकतम आयु सीमा 55 वष तय की गई थी। इन उम्मीदवारों को मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांकों में पांच प्रतिशत अतिरिक्त अंक प्रदान किये जाते है। इन दोनो छूट के लिए सरकार ने नौ विभिन्न वर्ग तय किए थे। इसमें राष्टÑीय छात्र सेना के उम्मीदवारों को जिनके पास सी और डी प्रमाणपत्र होते है उन्हें सी-1 श्रेणी में रखा गया था और उन्हें भी इसका लाभ दिया जाता था। अब डी प्रमाणपत्र के आधार पर मिलने वाली छूट बंद कर करने का निर्णय लिया गया है।
इन वर्गो को मिलती है छूट
भारत-पाक संघर्ष में अपंग सैनिकों को ए-1, भारत पाक संघर्ष में मृत सैनिकों के परिवार के अधिक से अधिक दो आश्रितों को ए-2, भूतपूर्व सैनिकों को ए-3, निर्वाचन के अतिशेष कर्मचारियों को बी, जनगणना 1981 के अतिशेष कर्मचारियो को बी-1, कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों को बी-2, एनसीसी सी प्रमाणपत्र धारकों को सी-1, बर्मा-सिलोन से आए भारतीय नागरिकों को सी-2 श्रेणी में रखा गया है। इन सभी को आयु सीमा में छूट और प्राप्तांकों में अतिरिक्त पांच अंक मिलते हैं।
सत्तर के दशक से नहीं मिल रहा डी प्रमाणपत्र
मध्यप्रदेश कनिष्ठ सेवा संयुक्त अर्हता परीक्षा नियमों में प्रावधान किया गया था कि मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड के जरिए की जाने वाली परीक्षाओं में एनसीसी डी और सी प्रमाणपत्रधारकों को भी प्राथमिकता और रियायत दी जाए। सत्तर के दशक में एनसीसी का डी प्रमाणपत्र देना बंद कर दिया गया लेकिन नियमों में यह बना हुआ था। इससे भ्रम की स्थिति बन रही थी। कई विभाग इसके न होने पर छूट नहीं दे रहे थे। इसलिए इसे समाप्त कर अब केवल एनसीसी सी प्रमाणपत्र पर ही आयु सीमा में छूट और अतिरिक्त अंक के प्रावधान को बरकरार रखा गया है।
प्रदेश के सरकारी विभागों में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं मेें सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तय श्रेणियों, वर्गो में आने वाले आवेदकों को आयु सीमा में छूट और अतिरिक्त अंक दिए जाने का प्रावधान है। अभी तक एनसीसी के डी प्रमाणपत्र धारकों को यह छूट दिए जाने का प्रावधान है जबकि यह प्रमाणपत्र मिलना अब बंद हो चुका है। इसलिए इससे संबंधित प्रावधान समाप्त कर अब एनसीसी सी प्रमाणपत्र धारकों तक इस छूट को बरकरार रखा गया है।
विनोद कुमार, एसीएस, सामान्य प्रशासन
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