
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 42,891 करोड़ रुपये के 3,397 विकास प्रस्तावों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को उनके सरकारी आवास पर लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद बैठक आयोजित हुई। बुधवार को सीएम आवास पर हुई संवाद बैठक में लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी जिलों के 42 विधायक और 5 एमएलसी मौजूद रहे। जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की जरूरतों और प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी।
नीति निर्धारण का आधार
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का क्षेत्रीय अनुभव और स्थानीय समझ शासन के लिए बेहद उपयोगी है। उन्होंने संवाद को शासन और समाज के बीच ‘विश्वास की जीवंत कड़ी’ बताया। सीएम ने कहा कि इन प्रस्तावों में आए सुझावों को गंभीरता से लेकर नियोजन और क्रियान्वयन में प्राथमिकता दी जाए।
लखनऊ मंडल की 42,891 करोड़ की 3,397 परियोजनाओं पर सीएम योगी की समीक्षा, विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंडल के जिलों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि
लखनऊ केवल प्रशासनिक केंद्र नहीं, बल्कि अवध की सांस्कृतिक राजधानी है।
हरदोई में सत्य और तप की परंपरा गहराई तक जुड़ी हुई है।
रायबरेली साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम की धरती है।
उन्नाव चंद्रशेखर आज़ाद जैसे नायकों की कर्मभूमि रहा है।
सीतापुर का नैमिषारण्य धार्मिक और आध्यात्मिक गरिमा का केंद्र है।
लखीमपुर खीरी की जैव विविधता और थारू संस्कृति इसे विशिष्ट बनाती है।
परियोजनाओं की समीक्षा पर जोर
सीएम योगी ने कहा कि इन जनपदों में चल रही परियोजनाओं की स्पष्ट कार्ययोजना, समयबद्धता, सतत संवाद और फीडबैक के आधार पर नियमित समीक्षा की जाए, ताकि विकास योजनाएं समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी हो सकें।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि
शहीदों के गांवों की सड़कों का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाए।
जिला मुख्यालयों को चार लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ा जाए।
फ्लाईओवर, आरओबी/आरयूबी, धर्मार्थ सड़कों, और ब्लैक स्पॉट्स के सुधार कार्यों को समय पर पूरा किया जाए।
जनप्रतिनिधियों द्वारा सुझाई गई परियोजनाओं के वरीयताक्रम के अनुसार कार्यवाही की जाए।
पर्यटन स्थल विकसित करने का निर्देश
मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत प्रदेश में 1000 से अधिक धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण हो चुका है। इस क्रम में सीएम ने निर्देश दिया कि
“हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल को चिन्हित कर, उसकी विकास कार्ययोजना तैयार की जाए।”
नगर विकास विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि किसी भी परियोजना का प्रस्ताव बनाने से पहले संबंधित विधायक या एमएलसी की सहमति और मार्गदर्शन जरूरी हो। 15 सितंबर के बाद होने वाले भूमिपूजन और शिलान्यास में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी हो और शिलापट्ट पर उनका नाम भी अंकित किया जाए। विकास कार्यों में अनावश्यक देरी या शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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