बीजिंग
: चीन एक तरफ भारत के साथ स्थिति सामान्य करने की बात करता है, दूसरी तरफ वह सीमा पर लगातार अपना सैन्य ढांचा मजबूत करने में लगा हुआ है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी भारत की सीमा से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर एक नया हेलीपोर्ट बना रही है। सैटेलाइट इमेजरी के विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने अपने एक्स हैंडल पर इस बारे में जानकारी दी है। एक्स पर एक पोस्ट में साइमन ने बताया है कि अरुणाचल प्रदेश के फिशटेल्स सेक्टर के पास एक नया हेलीपोर्ट बना रहा है, जो भारतीय सीमा से महज 20 किमी की दूरी पर है। इस सुविधा से चीन की अग्रिम चौकियों पर सैनिकों को तेजी से भेजने की क्षमता में वृद्धि होगी और सीमा पर उसकी गश्त में सुधार होगा।
चीन लगातार बढ़ा रहा सैन्य ढांचा
चीन ने इसके पहले जुलाई में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो पर अपने कब्जे वाले क्षेत्र में एक पुल का निर्माण पूरा किया था, जिससे उसके लिए क्षेत्र सैनिकों की आवाजाही आसान हो गई है। सैटेलाइट इमेज ने बताया था कि जुलाई महीने में ही चीन ने ब्लैक टॉपिंग का काम पूरा कर लिया था। चीनी सेना के पुल निर्माण के बारे में जनवरी 2022 में सबसे पहले जानकारी आई थी। यह पुल झील के सबसे संकरे हिस्से पर बनाया गया है।
जुलाई में बनकर तैयार हुआ पुल चीनी सेना की गतिशीलता को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह तुरंत ऑपरेशन शुरू करने के लिए आवश्यक समय को कम करने में मदद करता है। यह चीनी सैनिकों को उनके टैंकों के साथ रेजांग ला के क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद करेगा। यह वही इलाका है, जहां 2020 भारत ने चीनियों को मात दी थी।
हवाई पहुंच मजबूत कर रहा चीन
सिर्फ यही दो मामले नहीं है। चीन ने इसी साल अप्रैल में झिंजियांग के हॉटन में अपना दूसरा रनवे सक्रिय किया है। इस रनवे के चालू होने से उसे संघर्ष की स्थिति में सैनिकों और उपकरणों की तैनाती बढ़ाने में मदद मिलेगी। हॉटन पूर्वी लद्दाख के सबसे नजदीकी चीनी बेस है। भारत और चीन में तनाव के दौरान हॉटन एयरबेस चीनी सैन्य अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि भारत ने भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी सैन्य सुविधाओं को बढ़ाया है।
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