मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से पूर्वांचल की बदली तस्वीर, धार्मिक-क्लस्टर से औद्योगिक-क्लस्टर का सफर

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूर्वांचल में विकास और समृद्धि का जो अभियान शुरू हुआ था, अब वह जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है। वाराणसी और आसपास के जिलों में धार्मिक-पर्यटन के साथ-साथ औद्योगिक और लॉजिस्टिक क्षेत्रों में भी तेज प्रगति हो रही है। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में पूर्वांचल की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। 2017 से पहले पूर्वांचल को माफियाओं और पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था लेकिन मुख्यमंत्री योगी की नीतियों ने इसे विकास का रोल मॉडल बना दिया है।   

पूर्वांचल लिख रहा है विकास की महागाथा
पूर्वांचल आजादी के बाद से ही विकास के मामले में उपेक्षित रहा है। 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने पूर्वांचल में विकास के लिए व्यापक रणनीति बनाई। प्रदेश सरकार के अनुसार वर्तमान समय में वाराणसी में 48 चालू परियोजनाएं क्रियान्वित हैं। इसमें से 1,180.95 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इन परियोजनाओं से 3,472 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है। आगे 48 नई औद्योगिक परियोजनाएं और स्वीकृत की गई हैं जिनमें 5,702.18 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं से 12,110 रोजगार सृजित होने का अनुमान है। इस प्रकार कुल मिलाकर 15 हजार से अधिक रोजगार बनने का आधार तैयार हो चुका है। 

विकास परियोजनाओं से पूर्वांचल के उद्योगपति उत्साहित 
वाराणसी और पूर्वांचल क्षेत्र में औद्योगिक विकास की गति तेज हो गई है, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वाराणसी एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी ने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। इसमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतियों और सुविधाओं का विकास शामिल है। प्रदेश सरकार वाराणसी और पूर्वांचल क्षेत्र को देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां के लोग और उद्योगपति सरकार के प्रयासों से प्रसन्न हैं। औद्योगिक विकास में रोड, ट्रेन और एयर कनेक्टिविटी का सीधा लाभ मिल रहा है। 

निवेश बढ़ने से उद्योग और लॉजिस्टिक्स का मजबूत ढांचा तैयार
वाराणसी और पूर्वांचल के जिलों में उद्योग, लॉजिस्टिक्स और भंडारण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। औद्योगिक इकाइयों, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र-उद्योग, घरेलू उत्पादों और हस्तकला आधारित इकाइयों को बढ़ावा दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों को भूमि, विद्युत, परिवहन और अनुमति प्रक्रियाओं में सरलता देने से निवेशकों का झुकाव पूर्वांचल की ओर बढ़ा है। भंडारण और परिवहन सुविधाओं के विस्तार से स्थानीय कृषि-उत्पाद, दूध, सब्जियां, अनाज और फल अब क्षेत्रीय बाजारों के साथ-साथ बड़े शहरों तक पहुंच पा रहे हैं। अकेले वाराणसी में 2017 से अब तक, 35,705.07 लाख रुपये की 79 परियोजनाओं के माध्यम से विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। 

एग्री-लॉजिस्टिक्स और ग्रामीण भंडारण से मजबूत हो रही आपूर्ति श्रृंखला
पूर्वांचल में कृषि-आधारित उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है। वाराणसी सहित आसपास के जिलों में कृषि-उत्पादों के संग्रहण, छंटाई, पैकिंग और भंडारण की सुविधा बढ़ाई गई है। गोरखपुर के धुरियापार इंडस्ट्रियल टाऊनशिप योजना को रेल और सड़क दोनों से कनेक्ट किया जा रहा है। इसे लगभग 5500 एकड़ में विकसित किया जा रहा है। यह टाउनशिप 17 गांवों में फैली है। इससे कृषि आधारति उद्योगों को यातायात और कनेक्टिविटी में बहुत सहूलियत होगी। स्थानीय स्तर पर बने बड़े भंडारण केन्द्रों और आपूर्ति-श्रृंखला इकाइयों ने किसानों और छोटे व्यापारियों की आय को सुरक्षित किया है। इसके साथ ही, ग्रामीण स्तर पर बन रहे गोदामों और शीत-भंडारण केन्द्रों से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कच्चा माल पास में ही उपलब्ध हो रहा है, जिससे उत्पादन लागत कम हो रही है।