
इंदौर
इंदौर के समीप महू के आशापुर गांव में नगर निगम गौशाला का निर्माण कर रहा है। इसका भूमिपूजन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गौमाता अपने बच्चों को तो पालती है। इंसान का भी ध्यान रखती है। गौमाता का अमृततुल्य दूध पीकर हम बड़े होते है। हमारी संस्कृति में पहली रोटी गौमाता के लिए रखी जाती है। आखरी रोटी कुत्ते के लिए बनाई जाती है। हमारे पूर्वजों ने प्रकृति से जुड़ने के नियम बनाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौमाता की रक्षा का संकल्प युगों-युगों से हमारी संस्कृति से जुड़ा है। पहले माना जाता था कि भारत में दूध-दही की नदियां बहती है। खेती-बाड़ी में गौमाता की पहले काफी मदद ली जाती थी, लेकिन बाद में ट्रैक्टर, नए उपकरणों का उपयोग किया जाने लगा। इसकी मार हमारी गौमाता पर पड़ी। जाने-अंजाने हमसे गलतियां भी हुई, लेकिन हमे वापस ध्यान में आ गया कि रासायनिक खाद के उपयोग से नुकसान हो रहा है। जैविक खाद से किसान की लागत भी कम हो रही है और पौष्टिक अन्न का उत्पादन हो रहा है। हमने संकल्प लिया है कि गौमाता को लावारिस नहीं रहने दिया जाएगा। सभी नगर निगम को बड़ी गौशालाएं बनाने के लिए कहा गया है। इसके लिए राज्य सरकार भी मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि हमारा देश भगवान राम और कृष्ण की धरती है। देश की पहचान उनसे भी होती है। प्रदेश में जहां भी राम और कृष्ण की लीलाएं हुई है। उसे हम तीर्थ बनाएंगे। महू के जाना पाव को भी तीर्थ स्थल का रुप दिया जाएगा।
मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि सवा सौ बीघा में गौशाला तैयार की जा रही है। हम इस गौशाला को आत्मनिर्भर बनाएंगे। यहां दस हजार गौवंश के रहने की व्यवस्था की जाएगी। एक साल के भीतर यह गौशाला बनकर तैयार हो जाएगी।
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