बिलासपुर।
बदहाल सड़क और मवेशियों के चलते होने वाले हादसों को लेकर हाई कोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सोमवार को सुनवाई हुई. बेंच ने मुख्य सचिव से शपथपत्र पर यह बताने को कहा है कि सड़कों पर नजर आने वाली मवेशियों से कब तक छुटकारा मिलेगा? कोर्ट ने इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है.
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन से पूछा कि सड़कों पर लगातार आवारा पशु नजर आते हैं. इस पर लगाम कसने नगर निगम, पालिका परिषद वगैरह क्या कर रहे हैं? इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि क्या नेशनल हाइवे अथॉरिटी पर ही सड़कों के सुधार का दायित्व है? मामले की अगली सुनवाई अब अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में होगी.बता दें कि राजेश चिकारा और संजय रजक ने बदहाल सड़कों और मवेशियों के जमावड़े से हादसों पर 2019 में जनहित याचिका लगाई थी. याचिका में कहा गया था कि मुख्य मार्गों और शहर की आम सड़कों पर पशुओं को खुला छोड़ देने की वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं. नेशनल हाइवे पर सबसे ज्यादा ख़तरनाक स्थिति है, जहाँ अंधेरे में सड़कों पर बैठे जानवरों के कारण बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, रोकथाम के लिये भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
18 मवेशियों को रौंदने वाला हाइवा चालक गिरफ्तार —
सोमवार सुबह दर्रीघाट से कोरबा की ओर जाने वाले नेशनल हाइवे पर हाइवा चालक ने एक-दो नहीं बल्कि 18 मवेशियों को रौंद दिया था. घटना के बाद लोगों में आक्रोश था. लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए दिया था घटना को अंजाम देने वाले हाइवा चालक को सीपत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

More Stories
धर्मांतरण पर CM साय का बयान, विधायक पुरंदर ने मैग्नेटो मॉल विवाद पर कानून का पालन करने की दी चेतावनी
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में की धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त, कहा- भारत में कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक
रायपुर के मैग्नेटो मॉल में बवाल, क्रिसमस डेकोरेशन को भीड़ ने किया तहस-नहस