नई दिल्ली
सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली नगर निगम के नजफगढ़ क्षेत्र के एक कनिष्ठ अभियंता को बिल पास करने के एवज में दस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। सीबीआई ने इस बाबत 11 नवंबर को नजफगढ़ जोन के कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता एक ठेकेदार है, जिसके लगभग तीन करोड़ रुपए के बिल लंबित थे। आरोपियों ने इन बिलों को पास करने के लिए कुल 25.42 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
शिकायत मिलते ही सीबीआई ने जाल बिछाया और कनिष्ठ अभियंता को शिकायतकर्ता से दस लाख रुपए की किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद सीबीआई ने आरोपियों के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे। तलाशी में भारी मात्रा में कैश, सोने-चांदी के आभूषण और संपत्ति से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि आरोपी लंबे समय से गलत तरीके से धन कमा रहे थे। जांच अभी जारी है और जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
यह मामला दिल्ली नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर पेश करता है। ठेकेदारों से बिल पास करने के नाम पर रिश्वत लेना आम बात हो गई थी। शिकायतकर्ता ने हिम्मत दिखाकर सीबीआई से संपर्क किया, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। सीबीआई का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। सीबीआई ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत मांगे या भ्रष्टाचार करे तो बिना डरे शिकायत करें। सीबीआई की इस सख्त कार्रवाई से सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और ईमानदार काम करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा। जांच पूरी होने पर दोषियों को कड़ी सजा मिलने की संभावना है।

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