कनाडा
कनाडा ने शरणार्थी नीति में सख्त बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने हाल ही में घोषणा की कि देश की शरणार्थी प्रणाली में सुधार के लिए नए उपाय प्रस्तावित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य शरणार्थी दावों की समीक्षा प्रक्रिया को तेज करना और इसे और प्रभावी बनाना है। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब कनाडा पर पंजाब के गैंगस्टरों और आतंकियों को शरण देकर भारत के साथ अपने संबंध खराब करने के आरोप लग रहे हैं।
पंजाब के नामी गैंगस्टर कनाडा की शरण में
कनाडा ने लंबे समय से पंजाब के 29 खालिस्तानी समर्थकों और कई नामी गैंगस्टरों को शरण दी है। इन शरणार्थियों ने दावा किया है कि उन्हें भारत में खतरा है, लेकिन इनकी मौजूदगी ने कनाडा के अंदरूनी हालात को भी खराब किया है। खालिस्तान समर्थक आतंकी और अपराधी, जैसे सतिंदर जीत सिंह गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई, लखवीर सिंह उर्फ लांडा, गुरजंट सिंह पन्नू और भगत सिंह बराड़, वर्षों से कनाडा में शरण लिए हुए हैं और अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त हैं।
ट्रूडो ने बिगाड़े कनाडा के हालात
कनाडा के लेखक जोगिंदर बासी ने कहा, "कनाडा की ट्रूडो सरकार ने पंजाब के गुनहगारों को शरण देकर अपनी ही धरती पर हालात बिगाड़ लिए हैं। खालिस्तानी और आतंकी तत्वों की वजह से न केवल कनाडा का माहौल खराब हुआ है, बल्कि कई देशों के साथ संबंध भी बिगड़े हैं।" रिटायर आईजी सुरिंदर कालिया ने कहा, "अगर कनाडा शरणार्थियों को लेकर गंभीर है तो उसे पहले पंजाब के गैंगस्टरों और आतंकियों को भारत को सौंपना चाहिए। इन पर पंजाब का माहौल खराब करने के गंभीर आरोप हैं। सीबीआई के जरिए इनका प्रत्यर्पण संभव है, और इसके लिए कनाडा को पहल करनी चाहिए।"
आव्रजन प्रणाली पर दबाव
कनाडा की आव्रजन प्रणाली पहले से ही अत्यधिक दबाव में है। 2024 की दूसरी तिमाही में 2.65 लाख गैर-स्थायी निवासी कनाडा पहुंचे। जुलाई से अक्टूबर के बीच शरणार्थी दावों की संख्या में मामूली कमी आई है, लेकिन अब भी 2.6 लाख मामले लंबित हैं। आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि वह अगले दो वर्षों में शरणार्थियों की संख्या कम करने और आव्रजन प्रणाली को सुधारने पर जोर देंगे। इसके तहत:
– शरणार्थी दावों की समीक्षा प्रक्रिया तेज की जाएगी।
– लंबित मामलों का निपटारा प्राथमिकता पर होगा।
– शरण देने की प्रक्रिया में अधिक सख्ती बरती जाएगी।
भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की उम्मीद
कनाडा पर लंबे समय से आरोप है कि उसने खालिस्तानी तत्वों और पंजाब के अपराधियों को संरक्षण दिया है। भारत ने भी कनाडा को इन अपराधियों की सूची और डोजियर सौंपे हैं। यदि कनाडा इस दिशा में ठोस कदम उठाता है, तो भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की संभावना बढ़ सकती है।
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