रायपुर
चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. यहां 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू होगी.
चुनाव आयोग के मुताबिक, नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर होगी. 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी. वहीं नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में इस बार मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा से टिकट दी गई थी. रायपुर से उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. उनकी जीत के बाद रायपुर दक्षिण एक मात्र ऐसी सीट है, जहां उपचुनाव होंगे.
सामान्य सीट इसलिए दावेदार अधिक
दक्षिण विधानसभा की सीट सामान्य वर्ग की श्रेणी में आती है. यानी इस सीट के लिए किसी भी वर्ग का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है. यही वजह है कि यहां दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस उपचुनाव में कांग्रेस-भाजपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी. यह सीट लंबे समय से भाजपा के कब्जे में है. ऐसे में भाजपा के सामने अपनी परंपरागत सीट को बचाए रखने की चुनौती होगी. वहीं कांग्रेस का प्रयास रहेगा कि इस बार दक्षिण में अपनी जीत हासिल करे.
भाजपा का गढ़ है रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यहां से भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल 1990 से 2023 तक लगातार आठ विधानसभा चुनाव जीते हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को 60 हजार से भी ज्यादा वोटों से चुनाव हराया था. 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल को एक लाख नौ हजार दो सौ तीरसठ वोट और कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को 41 हजार 544 वोट मिले थे. बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बृजमोहन को रायपुर से प्रत्याशी बनाया था, जहां जीत हासिल करने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था.
कांग्रेस ने बनाई है 9 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति
छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट जीतने के लिए कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी हैं. उपचुनाव को बेहतर तरीके से संपन्न कराने के लिए कांग्रेस ने 9 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति का गठन किया है. यह समिति पूरी चुनावी तैयारियों पर नजर रखेगी. कांग्रेस की उपचुनाव समिति में 6 पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायक समेत सीनियर नेताओं को जवाबदारी दी गई है, जिसमें पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे, मोहन मरकाम, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, रुचिर गर्ग और उधो राम वर्मा शामिल हैं.
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