
जैसलमेर
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीआईजी वाईएस राठौड़ ने शनिवार को कहा कि सीमा पर जवानों की हमेशा तैनाती बनी रहती है और बल की भूमिका शांति और युद्ध दोनों समय में रहती है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 6-7 मई की रात और उसके बाद की झड़पों के दौरान कोई संदेह नहीं था कि किसी भी समय किसी भी स्तर पर सेना को कार्रवाई करने की जरूरत पड़ सकती है।
बीएसएफ के डीआईजी वाईएस राठौड़ ने कहा कि हमारी तैयारी युद्ध के दृष्टिकोण से पूरी थी और सीमा पर जहां भी आवश्यकता थी, हमारी जनशक्ति बढ़ाई गई थी और सहायक हथियार तैनात किए गए थे। हमारे सपोर्टिंग एलिमेंट को लगाया गया था। आर्मी और एयरफोर्स की अपनी तैयारी थी। उन्होंने कहा कि हालांकि सीजफायर है, इसके बावजूद अगर पाकिस्तान कोई भी हरकत करता है तो मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमारी फौज तैयार है। 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी भी चल रहा है।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि पाकिस्तान की तरफ टैंक की गतिविधियों की खबर थी। इस पर हमें कैसे इसका जवाब देना है, इसके लिए हम तैयार थे। उन्होंने कहा कि बीएसएफ की हर चौकी पर जवान मुस्तैद थे। हमारी तैयारी पूरी है, हम पाकिस्तान को कोई भी मौका नहीं देना चाहते हैं।
जैसलमेर में आम नागरिकों को निशाना बनाने के सवाल पर डीआईजी वाईएस राठौड़ ने कहा कि जिस तरह से भारत की सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया था, उसके बाद से पाकिस्तान ने सिविलियंस को निशाना बनाने की कोशिश की थी, उनका इरादा पैनिक क्रिएट करना था। कश्मीर में भी कई जगहों पर पाकिस्तान ने सिविलियंस को निशाना बनाया है। कुछ एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की है। भारत का एयर डिफेंस सिस्टम काफी मजबूत है, जिसने सभी हमलों को नाकाम कर दिया। 'ऑपरेशन शील्ड' के मॉक ड्रिल को लेकर तैयारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस अभ्यास में सब एकजुट होंगे। जब भी कोई घटना या दुर्घटना हो जाए तो किस प्रकार से आम जनता और मेडिकल सिस्टम काम करेगा, हमारे कैंप को ऐसे में क्या कार्रवाई करनी चाहिए, इसकी तैयारी की जाती है।
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