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South Korea की पूर्व प्रथम महिला किम केओन ही मौजूदा समय गंभीर कानूनी संकट में फंसी हुई हैं. किम केओन ही महाभियोग का सामना कर चुके पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल की पत्नी हैं. किम पर राज्य के अहम मामलों में कथित तौर पर दखल देने, प्रभाव का गलत इस्तेमाल करने और महंगे उपहार व पैसों के बदले घूस लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या किम केओन ही ने अपने पद और पति की राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया? कि पर आरोप है कि उन्होंने कारोबारी और प्रभावशाली लोगों से महंगे गिफ्ट्स स्वीकार किए और बदले में सरकारी फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश की.
एक विशेष अभियोजक ने सोमवार (29 दिसंबर) को बताया कि इस मामले की जांच रविवार को पूरी कर ली गई है. यह जांच पिछले एक साल से जारी थी. जांच के दायरे में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल द्वारा मार्शल लॉ लगाए जाने का फैसला भी शामिल रहा. इसके अलावा, इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति और उनकी पत्नी से जुड़े कई गंभीर विवादों और आरोपों की भी पड़ताल की गई. यह मामला दक्षिण कोरिया की राजनीति में लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ था और जांच पूरी होने के बाद अब आगे की कानूनी कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं.
अभियोजन पक्ष ने की कड़ी सजा की मांग
अभियोजन पक्ष ने किम केओन-ही के खिलाफ गंभीर आरोपों के चलते कड़ी सजा की मांग की है. अभियोजन ने अदालत से अनुरोध किया है कि किम केओन-ही को 15 साल की जेल की सजा दी जाए. उन पर बिचौलिया बनकर विभिन्न सौदे कराने, घूस लेने और सरकारी नियुक्तियों में अवैध रूप से हस्तक्षेप करने जैसे आरोप लगाए गए हैं. फिलहाल किम केओन-ही हिरासत में हैं. उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया है. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में हुई एक अदालत की सुनवाई के दौरान किम ने मामले के कारण जनता को हुई असुविधा और परेशानी के लिए माफी जरूर मांगी थी. अदालत अब मामले में अगली सुनवाई और अंतिम फैसले की तैयारी कर रही है.
यूनिफिकेशन चर्च पर भी रिश्वत के आरोप
इस मामले में यूनिफिकेशन चर्च की प्रमुख हान हक-जा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. जांच एजेंसियों ने उन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. अभियोजन पक्ष का दावा है कि चर्च ने अपने प्रभाव का विस्तार करने और किम पर दबाव या प्रभाव बनाने के उद्देश्य से महंगे उपहार दिए थे. इनमें दो लग्ज़री Chanel बैग और एक कीमती हीरे का हार शामिल बताया जा रहा है. इसके अलावा, अभियोजन का आरोप है कि चर्च की ओर से कुल 2 लाख डॉलर (लगभग 200,000 डॉलर) की रिश्वत दी गई. आरोपों के मुताबिक, यह रकम और महंगे तोहफे किम को प्रभावित करने के लिए दिए गए थे, ताकि चर्च को अपने हितों में लाभ मिल सके.
दक्षिण कोरिया में उठा सियासी तूफान
इस मामले ने दक्षिण कोरिया की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है. विपक्षी दल इसे सत्ता के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बता रहे हैं, जबकि सरकार और यून सुक येओल के समर्थक आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं. कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला देश की न्याय व्यवस्था और राजनीतिक नैतिकता के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित होगा. फिलहाल जांच जारी है और पूरे देश की नजरें इस हाई-प्रोफाइल केस पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इसका असर न सिर्फ पूर्व राष्ट्रपति के राजनीतिक भविष्य पर, बल्कि दक्षिण कोरिया की सियासत की दिशा पर भी पड़ सकता है.

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