ईरान
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने यूरोप में पढ़ रहे इस्लामिक छात्र नेताओं को संबोधित करते हुए पश्चिमी देशों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पश्चिम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर नहीं, बल्कि उसकी “अवज्ञाकारी नीति” और मौजूदा वैश्विक व्यवस्था को चुनौती देने के साहस से नाराज़ है।खामेनेई ने दावा किया कि ईरानी युवाओं ने “साहस और बलिदान” के दम पर पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य शक्ति को पराजित किया। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल हथियारों का नहीं, बल्कि विचारधारा का है, जिसमें ईरान “अन्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था” के खिलाफ खड़ा है।
अपने संदेश में खामेनेई ने शहादत को मिशन का “ईंधन” बताते हुए कहा कि निर्वासन में रह रहे युवाओं को अब आगे आकर भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने यूरोप में रह रहे ईरानी और मुस्लिम छात्रों से पश्चिमी प्रभाव छोड़कर इस्लामिक आंदोलन से जुड़ने का आह्वान किया। खामेनेई ने कहा कि ईरान एक “न्यायपूर्ण इस्लामिक विश्व व्यवस्था” स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी कारण पश्चिमी ताकतें उसे निशाना बना रही हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान-पश्चिम संबंध पहले से ही परमाणु, क्षेत्रीय युद्ध और प्रतिबंधों को लेकर तनावपूर्ण बने हुए हैं।

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