
नई दिल्ली
केंद्र में नई सरकार बनते ही भारतीय सेना को और शक्तिशाली बनाने की तैयारी चल रही है। रक्षा शस्त्रागार को और घातक किया जाएगा। केंद्र सरकार की तरफ से अंतिम मंजूरी देनी बाकी है। नई सरकार बनते ही K-9 वज्र ऑटेमैटिक हॉवित्जर जैसे कई रक्षा सौदों को मंजूरी मिलने वाली है।
इंडिया टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 100 और K9 वज्र तोपें और 30 MKI के लिए इंजन खरीदने के लिए 6,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन सभी हथियारों को आत्मनिर्भरता परियोजना के तहत भारत में ही बनाया जाएगा। रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र द्वारा मंजूरी दिए जाने वाली परियोजनाओं में मिसाइल विकास परियोजनाएं भी शामिल हैं, जिन्हें अनुसंधान और विकास के लिए शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि K-9 वज्र को पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर तैनात किया गया है। जल्द ही भारतीय सेना के लिए 100 और के-9 वज्र को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। K9 वज्र का वजन 50 टन है और यह 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तक गोले दाग सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इस बात पर जोर दे चुके हैं कि सत्ता में वापस आने के बाद उनकी सरकार त्वरित निर्णय लेगी और अपने सभी एजेंडों पर काम में तेजी लाएगी।
आपको बता दें कि सरकार द्वारा तैयार की गई दूसरी बड़ी परियोजना में Su-30 फाइटर एचके विमान की खरीद शामिल है। इस सौदे में 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की कोरापुट यूनिट में लाइसेंस के तहत बनाए जाने वाले लगभग 200 इंजनों की खरीद शामिल होगी।
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