भरतपुर.
भरतपुर में दबंगों ने पशुपालन भूमि पर फार्म हाउस और इसके अंदर मंदिर बनाकर अतिक्रमण कर रखा था। अतिक्रमण पर किरायेदार भी रख रखे थे। किरायेदारों से रहने का अतिक्रमणकारियों के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई किराया नहीं लिया जाता था। गुरुवार की सुबह स्थानीय प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण को हटाकर पशुपालन विभाग को भूमि को सुपुर्द किया है।
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ खुशीराम मीणा ने बताया कि करीब 5 सालों से कुछ दबंग लोगों ने पशुपालन विभाग की 85 हैक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। अतिक्रमणकारियों ने जमीन के फर्जी कागज बनवाकर पशुपालन विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में केस दाखिल किया। हाईकोर्ट के सबूतों के आधार पर भूमि को पशुपालन विभाग की मानते हुए प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। प्रशासन ने गुरुवार सुबह पुलिस फोर्स को साथ लेकर दो जेसीबी के सहयोग से अतिक्रमण को हटवाया गया। अतिक्रमण की भूमि पर किरायेदार के रूप में रह रही ममता ने बताया कि वह पिछले एक साल से परिवार के साथ रह रही है। वह इस जगह के रहने का कोई भी पैसा नहीं देती है। प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले मकान के अंदर रखे सामान को बाहर निकालने का समय नहीं दिया। पशुपालन विभाग की करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने फार्म हाउस बना रखा है और फार्म हाउस के अंदर आधा दर्जन मंदिर बना रखे है। मंदिर के अंदर ही किरायेदार निवास कर रहे थे। प्रशासन के द्वारा सुरक्षित सामान को बाहर निकलवाकर रखवा दिया गया है।
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