प्रदेश के सभी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व तीन महीने के लिए बंद रहेंगे,पर्यटक सिर्फ बफर जोन का लुत्फ उठा सकेंगे

भोपाल
 अगर आप भी मध्यप्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। दरअसल, प्रदेश के सभी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व तीन महीने के लिए बंद रहेंगे। मानसून के एक्टिव होने और झमाझम बारिश के चलते यह फैसला लिया गया है। इस दौरान पर्यटक सिर्फ बफर जोन का लुत्फ उठा सकेंगे।

बफर जोन में घूमने की अनुमति

मध्यप्रदेश में मानसून पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। इसे देखते हुए नेशनल टाइगर रिजर्व को बंद कर दिया गया है। पर्यटकों को सिर्फ बफर जोन में घूमने की अनुमति मिलेगी। कोर जोन को बंद कर दिया गया है।

अक्टूबर तक रहेंगे बंद

एमपी में सभी नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व अक्टूबर तक बंद रहेंगे। नेशनल पार्क में सिर्फ बफर जोन में ही पर्यटक सफारी का आनंद ले सकेंगे। बारिश के दिनों में मैटिंग के दौरान बाघ हिंसक हो सकते हैं, इसलिए नेशनल पार्क को बंद किया गया है।

आपको बता दें कि सभी टाइगर रिजर्व तीन महीने भले ही बंद रहेंगे, लेकिन आप अभी से बुकिंग करा सकते हैं। मध्य प्रदेश वन विभाग ने इसकी बुकिंग शुरू कर दी है। इसके लिए आपको वन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।

अब 3 माह करना होगा इंतजार

बारिश के 3 माह के दौरान हर साल टाइगर रिजर्व को बंद कर दिया जाता है. इस साल 1 जुलाई से 3 माह के लिए टाइगर रिजर्व को बंद किया जा रहा है. अब 1 अक्टूबर के बाद ही पर्यटकों को टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में प्रवेश मिल सकेगा. हालांकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी चल सके और पर्यटक बारिश के मौसम में जंगल में जाकर आनंद ले सकें, इसके लिए टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पर्यटकों को एंट्री मिल सकेगी. मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पर्यटकों के लिए कैंपिंग साइट पर नाइट स्टे की सुविधा उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा जंगल में ट्रेकिंग रूट पर सफारी का आनंद ले सकेंगे.

पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह बताते हैं कि "बफर जोन में भी पर्यटकों को बाजीराव नाम के नर बाघ और काले तेंदुए के दीदार हो जाते हैं. इसके अलावा कई और भी बाघ अक्सर घूमते दिखाई दे सकते हैं."

अक्टूबर के लिए अभी से करा लें बुकिंग

3 माह के लिए सभी टाइगर रिजर्व को बंद किया जा रहा है लेकिन 1 अक्टूबर से टाइगर रिजर्व के लिए अभी से बुकिंग कराई जा सकती है. मध्य प्रदेश वन विभाग ने इसकी बुकिंग अभी से शुरू कर दी है. वन विभाग की साइट पर जाकर इसकी एडवांस बुकिंग कराई जा सकती है.

विदेशी पर्यटकों को पंसद आ रहे मध्य प्रदेश के जंगल

मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में हर साल पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मध्य प्रदेश का वन्य जीव पर्यटन आकर्षण का केन्द्र बनकर उभरा है. मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

विदेशी पर्यटकों को पंसद आ रहे मध्य प्रदेश के जंगल 

साल 2024 में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा 32 हजार 528 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे. इसके अलावा कान्हा टाइगर रिजर्व में 23 हजार 590 पर्यटक खुले जंगल में टाइगर का दीदार करने पहुंचे. पेंच टाइगर रिजर्व में 13 हजार 127 और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 10 हजार 380 वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व में 15 हजार 201 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे.

देशी-विदेशी पर्यटकों के हिसाब से देखें तो मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में 2 लाख 48 हजार पर्यटक पिछले एक साल के दौरान पहुंच. जबकि पेंच में 1 लाख 92 हजार, बांधवगढ़ में 1 लाख 94 हजार तो पन्ना में 3 लाख 85 हजार में पर्यटक पहुंचे.

क्या होता है कोर एरिया और बफर जोन?

रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी एके खरे बताते हैं कि "टाइगर रिवर्ज में कोर एरिया, बफर एरिया और कॉरिडोर होता है. टाइगर रिजर्व के बीच का हिस्सा कोर एरिया कहलाता है. यहां इंसान की गतिविधियों पर हर प्रकार से पाबंदी होती है. यहां न तो जंगल से लकड़ी ले जा सकते हैं और न ही कोई दूसरी इंसानी गतिविधि की जा सकती है. यहां प्रवेश के पहले अनुमति लेनी होती है. यह एक तरह से वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास होता है, जहां जंगली जानवर प्राकृतिक वातावरण के हिसाब से स्वतंत्रता से रह सकें. जबकि बफर एरिया, कोर एरिया के बाहर का क्षेत्र होता है. कोर एरिया से निकलकर वन्य जीव कभी कभी बफर एरिया में आ जाते हैं. यह एक तरह से कोर एरिया की सीमा रेखा होती है.