
कोलकाता
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक महिला कर्मचारी को गलत तरीके से रोकने के लिए राजभवन के तीन अधिकारियों के खिलाफ शनिवार को प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजभवन में अस्थायी कर्मचारी होने का दावा करने वाली एक महिला ने इस महीने की शुरुआत में पुलिस से संपर्क किया था और दावा किया था कि नौकरी के बहाने राज्यपाल द्वारा कई बार उसका यौन शोषण किया गया।
गवर्नर बोस ने आरोपों से इनकार किया और उन्हें "झूठी साजिश" कहा था। उन्होंने कहा था, "सच्चाई की जीत होगी। अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उनका भला करे। लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते।" एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजभवन की एक महिला संविदा कर्मचारी ने छेड़छाड़ मामले में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था, जिसके बाद हेयर स्ट्रीट पुलिस थाने में तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता महिला को दो मई को राजभवन से नहीं जाने देने के लिए अनुचित तरीके से रोकने पर तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हम उस शाम उनकी भूमिका की जांच करेंगे।’’ महिला ने दो मई को बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की।
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