मुंबई
'शोले' से लेकर 'सत्या' तक… ऐसी आइकॉनिक फिल्मों की एक लंबी लिस्ट है जिन्हें शुरुआत में दर्शक बहुत कम मिले. मगर इन फिल्मों को धीरे-धीरे माहौल मिलना शुरू हुआ और अपने थिएट्रिकल रन के अंत में ये ब्लॉकबस्टर साबित हुईं. मगर ये बातें, उस दौर की हैं जब फिल्मों को स्क्रीन्स पर सांस लेने का मौका मिलता था. गलाकाट होड़ वाले मॉडर्न इंडियन सिनेमा में ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं.
अब एक बार फिर से एक ऐसा उदाहरण तैयार हो रहा है. भगवान कृष्ण पर बनी एक गुजराती फिल्म 'लालो: कृष्ण सदा सहायते' रिलीज के 20 दिन बाद थिएटर्स में जमकर भीड़ जुटाने लगी है. शुरुआत में दर्शकों को तरस रही ये फिल्म अब गुजराती सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्मों की लिस्ट में शामिल होने की रेस में है.
भगवान कृष्ण से जुड़ी है 'लालो' की कहानी
डायरेक्टर अंकित सखिया की फिल्म 'लालो', एक ऑटो रिक्शा ड्राईवर की कहानी है. शराब पीने वाला ये ऑटो रिक्शा ड्राईवर एक दिन किसी, दूर-दराज के एक फार्म हाउस में फंस जाता है. उसे कोई बाहर निकालने वाला नहीं मिलता. बिना खाना-पानी के परेशान ये आदमी सर्वाइव करने के लिए जूझ रहा है.
फंसे रहने के बाद उसे भगवान कृष्ण दिखाई देने लगते हैं. लालो के जीवन में पहले से कई परेशानियां थीं. अब लालो का ये बंधन, उसके आत्म साक्षात्कार का जरिया बनता है. अब वो अपनी मुश्किलों, अपने पछतावों से डील करना शुरू करता है और इस काम में उसे भगवान कृष्ण रास्ता दिखाते हैं. फिल्म में श्रुहद गोस्वामी, रीमा रछ और करण जोशी ने महत्वपूर्ण किरदार निभाए हैं. इनके साथ आकाश पांड्या और मौलिक चौहान का फिल्म में स्पेशल अपीयरेंस है.
20 दिन बाद रॉकेट बनी फिल्म
'लालो' 10 अक्टूबर, शुक्रवार को थिएटर्स में रिलीज हुई थी. सैकनिल्क के अनुसार, पहले दिन फिल्म की कमाई करीब 2 लाख रुपये रही. जाहिर सी बात है, गुजराती फिल्मों को उतनी बड़ी रिलीज नहीं मिलती जैसी हिंदी, पंजाबी या तेलुगू-तमिल को मिलती है. थिएटर्स और शोज कम होते ही हैं. मगर एक स्टैंडर्ड गुजराती रिलीज के लिहाज से भी ये ऐसी दमदार ओपनिंग नहीं थी जिससे फिल्म को आगे के लिए कोई खास उम्मीद बंधे.
मगर 'लालो' को धीरे-धीरे तारीफ मिलनी शुरू हुई और दर्शक भी बढ़ते चले गए. पहले 18 दिनों में फिल्म का कलेक्शन ज्यादातर 5 लाख रुपये से नीचे ही रहा. मगर दिवाली के अगले दिन से इस फिल्म के लिए थिएटर्स में भीड़ जुटनी शुरू हुई. 19वें दिन जाकर फिल्म ने पहली बार 10 लाख रुपये का नेट कलेक्शन किया. इसके बाद फिल्म ने बॉक्स ऑफिस का खेल ही बदल दिया.
हिंदी फिल्मों को टक्कर दे रही 'लालो'
बीता शनिवार 'लालो' के लिए 1 करोड़ रुपये नेट कलेक्शन वाला पहला दिन बना. रविवार को कलेक्शन 85% बढ़ गया और 2 करोड़ के बहुत पास पहुंच गया. मगर इस फिल्म का धमाका तो अभी शुरू ही हुआ था. सोमवार को, जब अधिकतर फिल्मों की कमाई बॉक्स ऑफिस पर गोते खाने लगती है, तब 'लालो' ने ऑलमोस्ट रविवार के बराबर कमाई की.
बुक माय शो का ट्रेंडिंग टिकर मंगलवार को सुबह बता रहा था कि बीते 24 घंटों में 'लालो' के करीब 39 हजार टिकट बुक हुए हैं. जबकि हिंदी फिल्मों में सबसे ज्यादा टिकट आयुष्मान खुराना की 'थामा' के बिके थे. मगर 36 हजार टिकटों के साथ, 'थामा' भी सोमवार को 'लालो' से पीछे थी. सोमवार को 'लालो' का कलेक्शन, गुजरात से ही आने वाले सीनियर एक्टर परेश रावल की फिल्म 'द ताज स्टोरी' से भी ज्यादा रहा. अब ट्रेड रिपोर्ट्स बता रही हैं कि मंगलवार को पहली बार इसका कलेक्शन 2 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है.
अबतक 26 दिन में 'लालो' का नेट इंडिया कलेक्शन 8 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है. अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका वर्ल्डवाइड ग्रॉस कलेक्शन भी 10 करोड़ के आंकड़े के आसपास पहुंच चुका है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि फिल्म का बजट करीब 4 करोड़ रुपये है. यानी ये अभी से सुपरहिट साबित हो चुकी है. मगर दिलचस्प ये है कि अभी तो फिल्म को जंप मिलना शुरू हुआ है.
गुजराती में ऑलटाइम टॉप 10 सबसे बड़ी फिल्मों के वर्ल्डवाइड कलेक्शन 50 करोड़ से 15 करोड़ रुपये तक हैं. इस लिस्ट में 10वीं यानी आखिरी फिल्म 'बचु नी बेनपणी' है. इसी साल अगस्त में आई इस फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन 15 करोड़ रुपये था. जिस स्पीड से 'लालो' आगे बढ़ रही है, पूरा चांस है कि इस हफ्ते के अंत तक ये 10वें नंबर तक ही नहीं, बल्कि इससे ऊपर भी जाएगी. अब देखना है कि 20 दिन बाद फटने वाला ये गुजराती बम बॉक्स ऑफिस पर और क्या धमाके करता है.

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