
नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर कहा कि खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देना स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जरूरी है। हर साल 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है, ताकि असुरक्षित भोजन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोका, पहचाना और नियंत्रित किया जा सके। इस साल का थीम ‘खाद्य सुरक्षा: विज्ञान को अमल में लाना’ है, जो खाद्य जनित बीमारियों को कम करने, लागत बचाने और जिंदगियां बचाने में वैज्ञानिक ज्ञान के महत्व पर जोर देता है।
जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर हम स्वच्छ और सुरक्षित भोजन की अहमियत को समझते हैं, जो स्वास्थ्य की रक्षा करता है और खाद्य जनित बीमारियों को रोकता है। भोजन हमारी ऊर्जा का स्रोत है। खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देकर हम अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।" उन्होंने कहा कि इस साल का थीम विज्ञान और तकनीक के जरिए खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का जश्न मनाता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें लिखा है, "विज्ञान खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। प्रयोगशालाओं से लेकर मानक तय करने तक, विज्ञान हमें सही विकल्प चुनने में मदद करता है। समझदारी से चुनें, सुरक्षित खाएं!" विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों से दूषित भोजन 200 से ज्यादा बीमारियों का कारण बन सकता है। सुरक्षित भोजन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन सलाह देता है कि भोजन को साफ रखें, कच्चे और पके भोजन को अलग करें, अच्छी तरह पकाएं, सुरक्षित तापमान पर रखें और खाना बनाते समय साफ पानी का इस्तेमाल करें।
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के मौके पर पोस्ट किया, जिसमें कहा, "विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर हम सुरक्षित खाद्य आदतों को अपनाने का संकल्प लें। सुरक्षित भोजन सभी की जिम्मेदारी है और यह स्वस्थ, मजबूत और सुरक्षित कल की नींव है।"
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