
वेब मार्केटिंग अपनाकर कोई भी कंपनी अपने आप को काफी आगे रख सकती है। भविष्य वेब मार्केटिंग का है इस बात में किसी भी प्रकार की शंका नहीं है। इस क्षेत्र में इनोवेशन का काफी ज्यादा महत्व है अगर आप कुछ नया करना चाहते हैं और आपमें कुछ अलग बात है तब यह क्षेत्र आपके लिए ही है। मार्केटिंग का क्षेत्र अपने आप में काफी विस्तृत है तथा इसके कई आयाम हैं। किसी भी कंपनी के लिए मार्केटिंग सबसे महत्वपूर्ण विभाग होता है जिसके माध्यम से उत्पादों की बिक्री सहजता से हो पाती है बल्कि यह एक ऐसा विषय है जो काफी इनोवेटिव है। मार्केटिंग आपसे जोश, जुनून और लगातार कुछ नए की मांग करता है और जो इसके लिए तैयार होता है वह काफी तेजी से आगे भी बढ़ता है।
इंटरनेट का उपयोग काफी तेजी से बढ़ रहा है और खासतौर पर भारत में यह अपना फैलाव ज्यादा ही तेजी से कर रहा है। सोशल वेबसाइट्स से लेकर ई कॉमर्स की वेबसाइट्स बढ़ रही है और आम जनता खासतौर पर मेट्रो और नॉन मेट्रो दोनों शहरों में इंटरनेट के माध्यम से ई पेमेंट आदि का प्रचलन बढ़ रहा है। इसका साफ कारण है कि इंटरनेट पर लोग अपनी सुविधा अनुसार कोई भी उत्पाद खरीदना चाहते हैं ऐसे में उन तक सही समय पर और सही जानकारी लेकर पहुंचना ही वेब मार्केटिंग का मूल है।
वेब मार्केटिंग मूलतः पारंपरिक मार्केटिंग का ही इंटरनेट रूप है। आमतौर पर मार्केटिंग से जुड़े अवयव जैसे प्रोडक्ट, पैकेजिंग, मूल्य, प्रोमोशन और प्लेस आदि का ही कम्प्यूटर आधारित रूप ही वेब मार्केटिंग में होता है। मार्केटिंग का कार्य अंततः किसी उत्पाद को उपभोक्ताओं तक पहुंचाना ही होता है इस दिशा में वेब मार्केटिंग इंटरनेट का इस्तेमाल एक औजार की तरह करती है। इंटरनेट पर वेब मार्केटिंग संबंधी साइटें अपनी सहयोगी वेबसाइटों के साथ लिंक और विज्ञापनों के जरिए व्यवसाय करती हैं। इन सहयोगी वेबसाइटों को ग्राहकों को वेबसाइट के जरिए खरीद-फरोख्त करने या उन तक लाने के लिए आर्थिक लाभ होता है। यह आर्थिक लाभ प्रमुख कंपनी को होने वाले लाभ के एक निश्चित हिस्से के रूप में भी हो सकता है। लिहाजा जिस तरह पारंपरिक मार्केटर अपने लक्ष्य मार्केट को अपने कार्य के केन्द्र में रखता है, वहीं वेब मार्केटिंग में ग्राहकों को अपनी वेबसाइट की ओर आकर्षित करना होता है।
ये साइट्स किसी कंपनी, वेब मैग्जीनों या ई-टेल कैटालॉग साइट्स भी हो सकती हैं। प्रकाशन जगत की साइट्स मैग्जीन की तरह सामग्री उपलब्ध कराती हैं तो वहीं कार्पोरेट साइट्स अपने मार्केटिंग लक्ष्यों को केन्द्र में रखती हैं और ई-टेल साइट्स सीधे उत्पादों को ग्राहकों को बेचती हैं। वेब मार्केटिंग से किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल को सीधा लाभ पहुंचना चाहिए। उदाहरण के लिए कॉर्पोरेट साइट्स ब्लॉग या लेख किसी जरूरी विषय पर पढ़ने को मिलते हैं जिनसे ग्राहक अपने लायक कोई जानकारी हासिल कर सकता है। जिसके बाद वह कंपनी को संपर्क कर सकता है। उत्पाद सीधे बेचने वाली कई ई-टेल और ई-कॉमर्स साइट्स अपने यहां कस्टमर फोरम भी बनाती हैं। जिस पर सामान खरीद चुके ग्राहकों के विचार जानकर अन्य कई ग्राहक खरीददारी का हौसला जुटाते हैं। वेब मार्केटिंग के लिए साइट्स पर योजनाबद्ध सामग्री होनी चाहिए। जिससे कंपनी के बिजनेस मॉडल को लाभ हो और उसकी ग्राहक संख्या बढ़ सके।
वेब मार्केटिंग पहली नजर में काफी आसान लगती है परंतु इसमें नई टेक्नोलॉजी की जानकारी से लेकर आपको विभिन्न उत्पादों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। वेब मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह भी है कि आपको लगातार कुछ न कुछ नया देना होता है और इसमें विजुअल माध्यम भी होता है इस कारण लोगों को आकर्षित करने वाले कंटेंट से लेकर ऑफर सभी कुछ जल्द से जल्द देने की आपमें क्षमता जरूर होना चाहिए।
यहां से कर सकते हैं कोर्स…
-डेटाटेक इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेट मार्केटिंग (डीआईआईएम), अहमदाबाद
-एसईओ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, मुंबई
-एसईओ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, दिल्ली
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