नई दिल्ली
यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों की मीडिया ने रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को बदनाम करने की हर मुमकिन कोशिश की। उसे नाकाम बताया, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ S-400 ने जैसा कमाल किया है, उसे देखकर पश्चिमी देश परेशान है। भारत के रूसी हथियारों ने जिस तरह से पाकिस्तान को धूल चटाया है, वो पश्चिमी देशों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। एक वजह ये भी है कि पश्चिमी देशों की मीडिया ने पाकिस्तान के समर्थन में उसका भोपूं बन जाने का फैसला किया। एस-400 के पराक्रम के बारे में धीरे धीरे खुलासे होने लगे हैं और यूरेशियन टाइम्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की लंबी दूरी की मिसाइलों के खिलाफ एस-400 सौ फीसदी कामयाब और प्रभावी साबित हुआ है। एस-400 ने पाकिस्तान के कई क्रूज मिसाइलों और विनाशकारी ड्रोन को मार गिराया, जिससे भारत को अपने सैन्य ठिकानों को सुरक्षित रखने में मदद मिली।
आपको बता दें कि भारत ने 5.4 अरब डॉलर की लागत से रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के पांच यूनिट खरीदे थे। जिनमें से रूसे ने अभी तक तीन एस-400 की ही डिलीवरी दी है। दो एस-400 की डिलीवरी मिलना अभी बाकी है। रूस से एस-400 खरीदने की वजह से अमेरिका ने CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी थी, लेकिन भारत एस-400 खरीदने के फैसले से पीछे नहीं हटा।
S-400 ने कैसे गिराया पाकिस्तानी AWACS एयरक्राफ्ट?
यूरेशियन टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारतीय S-400 ने 314 किलोमीटर की दूरी पर किसी हवाई लक्ष्य को भेदकर एक रिकॉर्ड बनाया है। अधिकारी ने कहा कि एस-400 ने 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर हवाई लक्ष्य को मार गिराकर SAM (सरफेस टू एयर मिसाइल) द्वारा सबसे लंबे समय तक मार करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इस दौरान एस-400 ने पाकिस्तान वायु सेना की आंख माने जाने वाले SAAB Erieye-2000 फ्लाइंग रडार, यानि AWACS एयरक्राफ्ट को मार गिराया था। ऐसा करके भारतीय एस-400 ने एक अनोखा रिकॉर्ड बना दिया है। अधिकारी का नाम नहीं छापने की शर्त पर यूरेशियन टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि SAAB Erieye-2000 का ये दूसरा नुकसान था। इससे पहले, पाकिस्तान के एयर मार्शल मसूद अख्तर (सेवानिवृत्त) ने खुलासा किया था, कि 9-10 मई की रात को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल से पाकिस्तान वायु सेना के एक AWACS विमान को मार गिराया था। लेकिन भारतीय अधिकारी ने कहा है कि AWACS को ब्रह्मोस से नहीं, बल्कि एस-400 से मारा गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक किसी भी SAM ने इतनी ज्यादा दूरी से किसी हवाई लक्ष्य को नष्ट नहीं किया है। लेकिन एस-400 ने 314 किलोमीटर से पाकिस्तानी AWACS एयरक्राफ्ट को मार गिराकर पूरी दुनिया में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। एस-400 की वजह से बाद में पाकिस्तान के फाइटर जेट्स ने उड़ान भरना ही बंद कर दिया था। जिसकी वजह से भारतीय वायुसेना के विमानों ने एक के बाद एक पाकिस्तानी वायुसेना के एयरबेस को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर हमले किए थे और भारी नुकसान पहुंचाया था।
एस-400 के नये ऑर्डर दे सकता है भारत
भारत के पास फिलहाल एस-400 के तीन यूनिट्स हैं। जिनमें से दो को भारत ने पश्चिमी मोर्चे पर जबकि एक को पूर्वी मोर्चे पर तैनात कर रखा है। भारत अभी भी रूस से 2 और यूनिट की डिलीवरी का इंतजार कर रहा है। लेकिन यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस डिलीवरी देने में देरी कर रहा है। इस बीच भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल जल्द ही मॉस्को का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान वो रूस से बाकी बचे 2 यूनिट्स की डिलीवरी के अलावा कुछ और एस-400 डिफेंस सिस्टम का भी ऑर्डर दे सकते हैं। वहीं कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि एस-400 की जगह भारत एस-500 'प्रोमेथियस' को खरीदने का भी फैसला कर सकता है, जिसकी क्षमता धरती के लोअर ऑर्बिट तक मार करने की है।
S-500 प्रोमेथियस रूस की अगली पीढ़ी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है। अल्माज़-एंटे ने इसे डेवलप किया है और इसका ऑपरेशनल रेंज 600 किमी तक है। यह हाइपरसोनिक हथियारों, बैलिस्टिक मिसाइलों और यहां तक कि लोअर-ऑर्बिट में स्थिति सैटेलाइट्स को भी मार गिराने की क्षमता रखता है। हालांकि इसकी कीमत काफी ज्यादा होने की संभावना है। रूस ने अभी तक एस-500 की कीमत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसकी कीमत 4 से 5 अरब डॉलर के बीच होने की संभावना है। एस-500 खरीदकर भारत, चीन और पाकिस्तान के स्टील्थ फाइटर जेट को न्यूट्रल कर सकता है।

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