अब बगैर FASTag के ही कट जाएगा टोल! 15 दिन बाद लागू हो रही नई पॉलिसी; गडकरी ने शेयर की डिटेल

नई दिल्ली

देश के टोल बूथ को लेकर सरकार एक बड़ा बदलाव करने वाली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश के राजमार्गों पर टोल पेमेंट का तरीका बदलने वाला है। केंद्र अगले 15 दिनों के अंदर एक नई टोल पॉलिसी पेश करने वाली है। यानी मई से ये पॉलिसी लागू हो सकती है। हालांकि, गडकरी ने अभी इसके बारे में ज्यादा डिटेल नहीं बताई। उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि एक बार नई पॉलिसी लागू होने के बाद टोल के बारे में किसी को शिकायत करने का मौका नहीं मिलेगा। इस नए सिस्टम से FASTag का काम भी खत्म हो जाएगा।

गडकरी ने कहा कि नए सिस्टम के लिए फिजिकल टोल बूथ की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, सैटेलाइट ट्रैकिंग और व्हीकल नंबर प्लेट पहचान का उपयोग करके बैंक खातों से टोल ऑटोमैटिक ही पेमेंट कट जाएगा। उन्होंने इवेंट के दौरान कहा कि लंबे समय से लंबित मुंबई-गोवा हाईवे पर भी अपडेट दिया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना इस साल जून तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी। मुंबई-गोवा हाईवे को लेकर कई कठिनाइयां थीं, लेकिन चिंता न करें हम इस जून तक सड़क का 100% काम पूरा कर लेंगे।

अब नहीं रुकना पड़ेगा टोल प्लाजा पर
नई पॉलिसी लागू होने के बाद जब आप कार से सफर पर निकलेंगे, तो बीच में किसी टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। एक बार गाड़ी ने रफ्तार पकड़ी तो सीधा मंज़िल तक पहुंच सकेंगे।

15 दिनों में लागू होगी नई टोल पॉलिसी
सरकार अगले 15 दिनों में नई टोल टैक्स पॉलिसी लागू करने जा रही है। इसके तहत देशभर में टोल सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा।

सालभर के लिए मिलेगा एनुअल टोल पास
नई पॉलिसी के तहत अब सालभर के लिए टोल पास बनाए जाएंगे। मतलब आपको बार-बार टोल टैक्स नहीं भरना पड़ेगा।

    3000 रुपये का एनुअल पास मिलेगा।
    एक बार Fastag में रिचार्ज किया और पूरे साल फ्री सफर।
    बार-बार रुकने और टोल भरने से छुटकारा।

टोल प्लाजा हटेंगे, नया सिस्टम आएगा
सरकार की योजना के अनुसार अब देशभर के टोल प्लाजा हटाए जाएंगे। उनकी जगह किलोमीटर बेस्ड चार्जिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। यानी जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही टोल देना होगा। बेवजह ज्यादा टोल नहीं भरना पड़ेगा।

सैटेलाइट ट्रैकिंग से ऑटोमैटिक टोल कटेगा

नए सिस्टम में सैटेलाइट ट्रैकिंग का इस्तेमाल होगा। इसका मतलब आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट को सैटेलाइट से स्कैन किया जाएगा। टोल अपने आप कट जाएगा। मैनुअल टोल बूथ की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लाइफटाइम टोल पास पर भी विचार

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार नई कारों के लिए लाइफटाइम टोल पास देने पर भी विचार कर रही है।
    30,000 रुपये में 15 साल तक फ्री सफर की सुविधा।
    हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

नितिन गडकरी का ऐलान

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 14 अप्रैल 2025 को एक इवेंट में कहा कि जल्द ही देश से फिजिकल टोल बूथ खत्म हो जाएंगे। टोल सिस्टम पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमैटिक होगा। इससे देशभर में बिना रुकावट यात्रा करना आसान हो जाएगा।

समय और पैसे दोनों की बचत

इस नई व्यवस्था से टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा। टोल भरने का झंझट खत्म होगा। ट्रैफिक कम होगा। पैसे और समय दोनों की बचत होगी।

एक बार हाईवे पूरा हो जाने पर, यात्रा का समय कम हो जाएगा और कोंकण क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। गडकरी ने स्वीकार किया कि भूमि विवाद, कानूनी चुनौतियों और आंतरिक पारिवारिक झगड़ों के कारण परियोजना में कई सालों तक देरी हुई। उन्होंने बताया कि भाइयों के बीच झगड़े थे, अदालतों में मामले थे और भूमि के लिए मुआवजा देने में अंतहीन जटिलताएं थीं। लेकिन अब वे मुद्दे सुलझ गए हैं और मुंबई-गोवा राजमार्ग पर काम ने गति पकड़ ली है।

गडकरी ने यह भी कहा कि उन्हें भारत के सड़क बुनियादी ढांचे के फ्यूचर को लेकर पूरा भरोसा है। अगले दो सालों में भारत का सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका से बेहतर होगा। उन्होंने ये भी बताया कि दिल्ली-जयपुर और मुंबई-गोवा जैसे कुछ राजमार्ग अभी भी गंभीर मुद्दों का सामना कर रहे हैं। गडकरी ने बताया कि दिल्ली-जयपुर और मुंबई-गोवा (हाईवे) हमारे विभाग के ब्लैक स्पॉट में से हैं। इनके साथ कई कठिनाइयां आती हैं। अगर वो कोंकण के बारे में सच बोलें तो लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

क्या है नया GPS टोलिंग सिस्टम?
देश में सड़कों के निर्माण के साथ टोल बूथ की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे में सरकार बूथों को समाप्त करने GPS बेस्ड टोलिंग सिस्टम को बढ़ावा देने के फास्टैग सिस्मट को रिप्लेस करने वाली है। टोल बूथ का निर्माण से इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट बढ़ जाती है। इससे टोल कलेक्शन की लागत में भी बढ़ोतरी होती है। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए सरकार नया टोलिंग सिस्टम लाने वाली है। इस सिस्टम में GPS की मदद से सीधे ड्राइवर या व्हीकल ओनर के बैंक अकाउंट से टोल की राशि काटी जाएगी। व्हीकल की निगरानी GPS के माध्यम से होगी। तय किए गए मार्जिन और समय के आधार पर टोल की राशि कैलकुलेट की जाएगी।