मैहर
दहेज की वजह से हमारे समाज में शादियां टूट जाती हैं। वहीं, एक दूल्हे ने ऐसी मिसाल पेश की है, जिसकी हर जगह चर्चा हो रही है। एमपी के मैहर जिले में एक दूल्हे को शगुन में डेढ़ लाख रुपए मिले तो उसने वापस कर मिसाल कायम की है। दूल्हे ने जब यह राशि लौटाई तो दुल्हन के पिता की आंखें भर आई। उसने सगुन के रूप में सिर्फ 600 रुपए लिए हैं।
दूल्हे ने सिर्फ 600 रुपए लिए
दरअसल, मध्य प्रदेश के मैहर जिले में एक दूल्हे ने बड़ी मिसाल पेश की है। रामनगर क्षेत्र के नगर परिषद वार्ड क्रमांक 02 झगरहा निवासी राकेश पटेल की शादी बड़वार निवासी आंचल के साथ 10 दिसंबर को होनी है। शादी से पहले आंचल के परिवार के लोग 5 दिसंबर को रामनगर वार्ड क्रमांक 02 झगरहा में लग्न लेकर पहुंचे थे। लग्न समारोह के दौरान जैसे ही दूल्हे का तिलक करके उसे शगुन के रूप में डेढ़ लाख रुपय के नोटों की गड्डियां दी गई तो उसने सभी का सम्मान किया। इसके बाद आपत्ति जताते हुए पैसे वापस लौटा दिए और केवल शगुन का 600 रुपए लिया है।
गलत है दहेज प्रथा
वहीं, दूल्हा राकेश ने अपने ससुराल पक्ष के लोगों को कहा कि आप बुरा ना मानें, दहेज प्रथा गलत है। इसलिए समाज को संदेश देने में उनकी मदद करें। उन्होंने कहा कि दहेज सबसे बड़ा अभिशाप है। हमें न तो दहेज लेना चाहिए और न ही देना चाहिए।
मोटी शगुन राशि ठुकराकर दूल्हे ने लिए 600 रुपये
इस कार्यक्रम में मौजूद पूर्व नगरपरिषद अध्यक्ष रामसुशील पटेल ने कहा कि इस शादी ने समाज को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। इसलिए सभी दहेज प्रथा को खत्म करने की दिशा में काम करें। रामसुशील पटेल ने कहा कि उन्होंने सगुन में हिस्सा लेकर मोटी रकम छोड़कर राकेश पटेल ने 600 रुपए लिए हैं। दुल्हन पक्ष की तरफ से डेढ़ लाख रुपए दिए थे। लेकिन दूल्हे ने लौटा दिए है।
राकेश के इस फैसले के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोग कहने लगे कि ऐसे दामाद हर घर में हों. मेहमान कहने लगे कि दहेज प्रथा जैसे सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए इस तरह के कदम बहुत जरूरी हैं. राकेश के इस कदम ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है. अब सवाल ये उठता है कि क्या अन्य युवा भी राकेश से प्रेरणा लेंगे?
कौन हैं राकेश पटेल ?
बता दें कि राकेश पटेल रामनगर ब्लॉक के झगरहा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में की और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में Graduation की डिग्री हासिल की. फिलहाल राकेश सऊदी अरब की एक निजी कंपनी में ऑटोमेशन इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे हैं.
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