मऊरानीपुर
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा का मंगलवार को छठा दिन है। यात्रा झांसी के मऊरानीपुर से घुघसी गांव तक पहुंची। यात्रा में बढ़ते हुए भक्तों का उत्साह और जोश साफ दिखाई दे रहा है। इस दौरान शास्त्री ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे, जिनमें संभल हिंसा, चिन्मय दास मामले और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा की।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं और वहां की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। इस संदर्भ में उन्होंने भारत के हिंदुओं से अपील की और कहा, "हम अपने लिए नहीं मर रहे हैं, अगर हम नहीं जागे तो एक-एक करके आपके मंदिर और मस्जिद में बदल जाएंगे।"
हिंदुओं से आवाज उठाने की अपील
बांग्लादेश में इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास (चिन्मय प्रभु) को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चिन्मय प्रभु ने शेख हसीना की सरकार के खिलाफ और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लगातार आवाज उठाई थी। पिछले शुक्रवार को उन्होंने रंगपुर में एक विरोध रैली भी की थी, जिसमें बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप था। बांग्लादेश पुलिस ने चिन्मय प्रभु को गिरफ्तार किया है।
शास्त्री का बयान
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद, धीरेंद्र शास्त्री ने इस मामले पर कहा, "बांग्लादेश के हिंदू अगर कायर होंगे तो उन्हें कोई नहीं छुड़वा पाएगा। अगर हमारी बात बांग्लादेश के हिंदुओं तक पहुंचे, तो जैसे यहां भारत में पदयात्रा हो रही है, वैसे ही वे भी सड़कों पर उतरकर अपनी संस्कृति के रक्षक को बचाएं। अगर बांग्लादेश के हिंदू इस मामले में नहीं उठेंगे, तो उनके मंदिर एक-एक कर मस्जिदों में बदल जाएंगे, और उनकी बहन-बेटियां या तो धर्म परिवर्तन करेंगी या फिर मारी जाएंगी।"
भारत के हिंदुओं को चेतावनी
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि भारत के हिंदुओं को बांग्लादेश के हालात को समझना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम अपने लिए नहीं मर रहे हैं। हम 100 करोड़ हिंदुओं की सुरक्षा और एकता के लिए इस यात्रा को कर रहे हैं। हम बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े हैं, और हमें उनका समर्थन करना चाहिए। अगर हम चुप रहे तो भविष्य में कोई हमारे लिए आवाज नहीं उठाएगा।"
भारत के हिंदुओं को एकजुट होने की अपील
शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू समाज को जात-पात की बेड़ियों से बाहर निकलकर एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा, "हम सड़कों पर, गांव-गांव, गली-गली में हिंदू समुदाय को जागरूक कर रहे हैं। हमारी यह यात्रा केवल भारत में हिंदू एकता के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए भी है। हम बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े हैं और उनकी मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।"
धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा प्रमुख रूप से उभर कर सामने आया। उन्होंने भारतीय हिंदुओं से अपील की कि वे एकजुट होकर अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं। यात्रा के दौरान, शास्त्री ने यह भी कहा कि अगर बांग्लादेश में हिंदू आवाज नहीं उठाएंगे तो वहां की स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
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