राजस्थान-जयपुर में पुनर्वास कर बनेगा भिक्षावृत्ति मुक्त, कलेक्टर ने अधिकारियों को दिये सख्त निर्देश

जयपुर।

जयपुर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जिले को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को आपसी सहयोग एवं समन्वय से हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिये हैं।  उन्होंने भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों का प्रभावी पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया ताकि ऐसे व्यक्ति भिक्षावृत्ति को छोड़कर अपने कौशल और मेहनत के दम पर सम्मानजनक जीवन शुरू करें।

जिला कलेक्टर ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के पुनर्वास को लेकर बैठक ली। जयपुर में आगामी 9 दिसंबर से 11 दिसंबर तक राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट का आयोजन होगा। इस विश्व स्तरीय आयोजन में जयपुर की गौरवशाली परंपरा एवं छवि धूमिल न हो, इसके लिए भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों का जल्द से जल्द पुनर्वास सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में पुलिस एवं यातायात पुलिस के अधिकारियों को भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों की सूचना जिला प्रशासन एवं मानव सेवा संस्थान जयपुर द्वारा संचालित हेल्पलाइन नम्बर 9929902320 को देकर रेस्क्यू में सहयोग प्रदान करने साथ ही आपराधिक गतिविधियों में लिप्त भिखारियों  के विरूद्ध निरोधात्मक एवं कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया। जिला कलेक्टर ने  नगर निगम के अधिकारियों को चिन्हित पुनर्वास गृहों की साफ-सफाई, शौचालयों की मरम्मत, पुनर्वास गृहों में भिखारियों के लिए आधारभूत सेवाओं की व्यवस्था करने, चिन्हित पुनर्वास गृहों को श्नी अन्नपूर्णा रसोई योजना से लिंक करते हुए योजना के माध्यम से भिखारियों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के साथ-साथ मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना में पंजीकृत कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों का नि:शुल्क उपचार, टी.बी., एच.आई.वी एवं अन्य जांच कर उपचार करने, चिन्हित पुनर्वास गृहों में चिकित्सा एवं जांच सुविधा उपलब्ध करने प्रत्येक पुनर्वास गृह को निकटतम राजकीय चिकित्सालय से जोड़ते हुए भिखारियों की जांच एवं उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों को भिक्षावृति में लिप्त बच्चों सूची बनाकर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने, विभाग द्वारा संचालित बाल गृहों, निराश्रित गृहों में प्रवेश दिलाकर शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षा से जोड़ने के लिए स्थानीय वि़द्यालयों में प्रवेश दिलाने, बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर विभागीय गृहों में प्रवेश दिलवाने के  निर्देश दिये गए। जिला कलेक्टर ने  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को पुलिस एवं स्वयं सेवी संस्थाओं एवं अन्य विभागों से समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित करने, स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से भिक्षावृति में लिप्त व्यक्तियों को सर्वे उपरान्त चिन्हित कर पात्रता अनुसार बाल गृह, महिला गृह, मानसिक विमंदित गृह, वृद्धाश्रम अथवा पुनर्वास गृह आदि में प्रवेश दिलाकर देखभाल करवाने, स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से भिक्षावृति में लिप्त चिन्हित व्यक्तियों के आधार कार्ड/जनाधार कार्ड आदि तैयार कर प्राथमिकता से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने के लिए  निर्देश दिये गए। जिला कलक्टर ने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के अधिकारियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चिन्हित भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों की सूची के अनुसार 25 व्यक्तियों का एक बैच बनाकर आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, प्रशिक्षित व्यक्तियों को विभागों द्वारा संचालित एवं बैंकों द्वारा उपलब्ध ऋण अथवा अनुदान एवं अन्य योजनाओं से जोडकर नियोजित करने के साथ-साथ फॉलो अप कार्यक्रम के द्वारा उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए। बैठक में मानव सेवा संस्थान, मेरी पहल संस्था, सक्षम सामाजिक उत्थान एवं विकास संस्थान, सुजस सांस्कृतिक सेवा संस्थान के पदाधिकारियों को चयनित आश्रय स्थल पर विभागीय निर्देशों के अनुसार आवश्यक व्यवस्था तथा परामर्शी सेवाएँ सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री मुकेश मूंड सहित नगर निगम, जयपुर विकास प्राधिकरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं मानव सेवा संस्थान, मेरी पहल संस्था, सक्षम सामाजिक उत्थान एवं विकास संस्थान, सुजस सांस्कृतिक सेवा संस्थान के पदाधिकारी उपस्थित रहे।