नई दिल्ली
नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (UGC NET) की परीक्षा में आयुर्वेद बायोलॉजी विषय को भी शामिल कर लिया गया है। यूजीसी कमिशन की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि दिसंबर 2024 में होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा में छात्रों को अडिशनल सब्जेक्ट के रूप में आयुर्वेद बायोलॉजी को चुनने का मौका भी मिलेगा। कुछ समय पहले यूजीसी ने आपदा प्रबंधन विषय को भी यूजीसी नेट में शामिल करने का फैसला किया था।
यूजीसी के अध्यक्ष प्रफेसर एम. जगदीश कुमार का कहना है कि आयुर्वेद बायोलॉजी विषय में छात्रों को आयुर्वेद का प्राचीन विज्ञान जानने का मौका मिलेगा। छात्रों को इस यूनीक विषय को चुनने का मौका दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लोग प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल के लाभों के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं, वे आयुर्वेद को एलोपैथिक चिकित्सा के विकल्प के रूप में भी अपना रहे हैं। आयुर्वेद को आधुनिक हेल्थकेयर सिस्टम के साथ तेजी से एकीकृत किया जा रहा है। आयुर्वेद को समकालीन विज्ञान के नजरिए से समझना चाहिए।
UGC NET: पीएचडी के बाद मौके
यूजीसी चेयरपर्नस ने कहा कि 'आयुर्वेद बायोलॉजी के जरिए भारत के पारंपरिक ज्ञान के बारे में विस्तार से पढ़ने का अवसर मिलेगा।आयुर्वेद बायोलॉजी में पीएचडी पूरी करने के बाद छात्रों के पास यूनिवर्सिटीज में दूसरे छात्रों को रिसर्च और ट्रेनिंग देने का मौका भी मिलेगा।'
ये विषय भले ही पुराना हो, लेकिन फील्ड नई है। क्योंकि पहली बार इसे नेट एग्जाम सब्जेक्ट लिस्ट में जोड़ा गया है, उम्मीदवारों के पास करियर लीड लेने ये बेहतरीन मौका साबित हो सकता है। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट के विषयों की सूची) में शामिल होने के बाद इस फील्ड में नौकरी के नए अवसर भी खुलने की पूरी संभावना है।

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