
टांडा उड़मुड़
पंजाब में बढ़ रही डेंगू, चिकनगुनिया के मरीजों के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। इसके मद्देनजर विभिन्न टीमों ने डेंगू मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लारवे को नष्ट करने के लिए ब्लॉक टांडा में अभियान चलाया। इसके तहत सरकारी अस्पताल टांडा की टीमों ने लारवे को मारने के लिए गांव के तालाबों में तेल डाला । इस कार्य का निरीक्षण करते हुए एस. एम. ओ. डा . कर्ण कुमार सैनी ने कर्मचारियों को डेंगू मलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा लारवा पाए जाने पर नष्ट करने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर एस एम ओ सैनी ने बताया कि डेंगू, मलेरिया बुखार मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है, ठंड लगकर बुखार आना, तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द, बुखार के बाद कमजोरी महसूस होना और पसीना आना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि मलेरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए हमें घरों के आसपास पानी जमा नहीं होने देना चाहिए, फ्रिज की ट्रे और कूलर का पानी सप्ताह में एक बार बदलना चाहिए, तालाबों में खड़े पानी में काले तेल का छिड़काव करना चाहिए। कपड़े ऐसे पहनने चाहिए जिससे शरीर पूरी तरह ढका रहे ताकि मच्छर हमें काट न सकें, सोते समय हमें मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम और तेल आदि का प्रयोग करना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने अपील की कि यदि किसी मरीज में उपरोक्त लक्षण हों तो वह तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में अपना टेस्ट और इलाज करवाएं, जो बिल्कुल मुफ्त होता है।
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