
जैसलमेर.
स्थान के जैसलमेर स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित मानव-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक फील्ड परीक्षण किया। इसके बाद सेना के शस्त्रागार में इसे शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस हथियार प्रणाली को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने डिजाइन और विकसित किया है।
पूर्ण रूप से स्वदेश में विकसित मानव-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक फील्ड परीक्षण के बाद अधिकारियों ने बताया कि समग्र प्रणाली में एमपीएटीजीएम, लांचर, लक्ष्य प्राप्ति उपकरण और एक अग्नि नियंत्रण इकाई शामिल है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है और इसे उन्नत प्रौद्योगिकी-आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्मनिर्भरता हासिल करने की तरफ महत्वपूर्ण कदम बताया है।
पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ परीक्षण
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रौद्योगिकी को श्रेष्ठता के साथ साबित करने के उद्देश्य से एमपीएटीजी हथियार प्रणाली का कई बार विभिन्न उड़ान विन्यासों में मूल्यांकन किया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 13 अप्रैल को पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में वारहेड उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। मिसाइल प्रदर्शन और वारहेड प्रदर्शन उल्लेखनीय पाए जाने के बाद डुएल मोड कार्यक्षमता टैंक युद्ध के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ प्रौद्योगिकी विकास और सफल प्रदर्शन संपन्न हो गया है। यह प्रणाली अब भारतीय सेना में शामिल होने की दिशा में अंतिम उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है। डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी. कामत ने परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी।
More Stories
स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार हमारा लक्ष्य: ब्रजेश पाठक
लेखपाल डैशबोर्ड का हुआ शुभारंभ: लेखपालों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्य अब एक ही प्लेटफार्म पर दिखाई देंगे
सीएसए का 27वां दीक्षांत समारोह संपन्न, वितरित हुए 63 पदक एवं 649 उपाधियां, छात्र हुए प्रफुल्लित