
बांधवगढ़
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र लगातार देश और विदेश के लिए पर्यटन का स्थल बनता हुआ नजर आ रहा है। यहां बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का बाघ अब मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी की शान को बढ़ाएगा। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ को मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी भेज दिया गया है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र के बमेरा गांव में बाघ ने घर में घुसकर हमला किया था। हमले में घायल बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने घायल बाघ पर निगरानी रखकर 22 सितम्बर को उसको रेस्क्यू किया था। रेस्क्यू के बाद बाघ का इलाज शुरू किया गया था।
नर बाघ बुरी तरह घायल था। वो ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। बाघ को रेस्क्यू के बाद ताला परिक्षेत्र के सुरक्षित स्थान में रखकर घायल बाघ का इलाज किया गया और जबलपुर से टीम बुलवाई गई। अब बाघ को मुकुंदपुर टाइगर सफारी भेजा गया। यहां पर घायल बाघ का इलाज किया जाएगा और पूरी तरह घाव ठीक होने के बाद बाघ को पर्यटकों के लिए सफारी में छोड़ा जाएगा। साथ ही साथ बांधवगढ़ का बाघ मुकुंदपुर सफारी की शान को बढ़ाएगा।
शिकार करने में होती मुश्किल
घायल बाघ को मुकुंदपुर भेजने का मुख्य कारण यह भी है कि घायल बाघ जंगल में शिकार नहीं कर पाएगा। जिस कारण क्षेत्र में दूसरे बाघ से आपसी संघर्ष में मौत भी हो सकती थी। घायल बाघ कमजोर हो चुका था। घाव ठीक होने में समय भी लग रहा था। बांधवगढ़ में जू जैसी व्यवस्था न होने के कारण टाइगर रिजर्व ने और वन विभाग ने बाघ को मुकुंदपुर भेजने का निर्णय लिया गया है।
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