
भोपाल
राजधानी में मेट्रो का ट्रायल टेस्ट सक्सेस होने के बाद अब इसको डिपो से मेन बायडक्ट में आज सुबह के्रन के जरिए पहुंचाया गया है। इससे पहले सुभाष नगर स्थित टेस्टिंग ट्रैक पर मेट्रो को दौड़ाया गया था। इस दौरान दो किलोमीटर के ट्रैक पर मेट्रो की प्री टेस्टिंग की गई। मेट्रो ट्रेन को इंजीनियर्स ने करीब दो घंटे तक टेस्ट ट्रैक पर जांचा गया। अब मेट्रो अपनी मेन लाइन पर आने के बाद सुभाष नगर स्टेशन से रवाना की गई। इसके बाद रानी कमलापति स्टेशन तक अलग-अलग स्पीड में ले जाया गया।
मेट्रो की सबसे अधिकतम रफ्तार 30 किमी रही
इससे पहले सेफ्टी ट्रायल के चलते कल मेट्रो को कभी धीमी तो कभी तेज रफ्तार में दौड़ाया गया था। हालांकि इस दौरान मेट्रो की सबसे अधिकतम रफ्तार 30 किमी रही। मेट्रो परियोजना के पीआरओ हिमांशु ग्रोवर का कहना है कि मेट्रो टेस्ट सफल रहा। अब सुभाष नगर डिपो से रैंप के जरिए वायडक्ट में शिफ्ट कर सेफ्टी ट्रायल के तहत मेट्रो को सुभाष नगर डिपो से रानी कमलापति स्टेशन तक चलाया जाएगा।
आज सुबह से ही सुभाष नगर के पास मेट्रो की शिफ्टिंग को देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ लगी हुई थी। मेट्रो को तय समय से तकरीबन 10 बजे मेन लाइन पर लाया गया। भोपाल व इंदौर में मेट्रो का संचालन थर्ड रेल तकनीकी से किया जाना है। इससे ट्रेन रुकने के दौरान ब्रेक लगाने से जो उर्जा बेकार हो जाती थी, अब उसका भी पुनर्उत्पादन हो पाएगा। इससे भोपाल और इंदौर मेट्रो के संचालन में 40 से 45 फीसदी तक ऊर्जा की बचत होगी। इसके लिए रेलवे ट्रैक पर थर्ड रेल डीसी ट्रैक्सन सिस्टम लगाया गया है।
फैक्ट फाइल
- मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच की 22 मीटर लंबाई और 2.9 मीटर चौड़ाई है।
- मेट्रो के एक कोच में करीब 50 पैसेंजर बैठ सकते हैं। वहीं, इसमें 300 पैसेंजर के खड़े रहने की क्षमता है।
- अनअटेंडेड ट्रेन आॅपरेशन (यूटीओ) मोड के होने के कारण इसमें स्वचालित ट्रैक निगरानी प्रणाली भी है।
- ट्रेन नियंत्रण और प्रबंधन प्रणाली में साइबर सुरक्षा सुविधाएं।
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