
इंदौर
इंदौर कांग्रेस के 2 नेताओं को पार्टी कार्यालय में बीजेपी के सीनियर लीडर कैलाश विजयवर्गीय का मिठाई और माला पहनाकर स्वागत करना भारी पड़ गया. मामला सामने आने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर निवासियों से शहर में 51 लाख पौधे लगाने की अपील की थी. इसी सिलसिले में कांग्रेस पार्टी का समर्थन मांगने के लिए विजयवर्गीय ने कांग्रेस कार्यालय का 12 जुलाई को दौरा किया था.
इस घटनाक्रम के बाद ही पार्टी की जिला इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा और इंदौर कांग्रेस ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष सदाशिव यादव को इस घटना के संबंध में नोटिस दिया गया है और कहा गया है कि उनके जवाब पर निर्णय होने तक वे निलंबित रहेंगे.
विजयवर्गीय पर लगा इंदौर को बदनाम करने का आरोप
सुरजीत चड्ढा और सदाशिव यादव ने इस मामले में कहा कि उन्होंने नोटिस के जवाब दे दिए हैं और पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. चड्ढा कई बार ये बात कह चुके हैं कि स्वागत 'राजनीतिक शिष्टाचार' के रूप में किया गया था. इधर जो पत्र कांग्रेस के दोनों नेताओं को निलंबित करने के दौरान दिया गया उसमें लिखा है, "एक व्यक्ति (विजयवर्गीय) जिसने मां अहिल्या की नगरी में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की और इंदौर के लोगों से वोट का अधिकार छीना, देश-विदेश में इंदौर को बदनाम किया, उसकी इंदौर की जनता ने भी निंदा की. ऐसे व्यक्ति का इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी के गांधी भवन में स्वागत करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है."
'अगर मैं दोषी तो सिंधिया से मिलने वाले भी दोषी'
सुरजीत चड्ढा ने ये भी कहा, "अगर कोई आपके घर आए तो क्या आप उसका स्वागत नहीं करेंगे? मैंने राजनीतिक शिष्टाचार का पालन किया. मैं अपने ऑफिस में था, जब विजयवर्गीय ने मुझे फोन किया और मुझसे मिलना चाहा. मैंने कहा कि मैं किसी और को भेजूंगा और उन्होंने मुझसे व्यक्तिगत रूप से मिलने पर जोर दिया. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया दलबदल कर सरकार गिराते हैं और फिर भी वरिष्ठ नेता उनसे मिलते हैं, तो मैंने क्या गलत किया? वहां पर कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे. मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई अपराध किया है. अगर मैं दोषी हूं, तो वे कार्यकर्ता भी दोषी हैं."
More Stories
उपराष्ट्रपति चुनाव में IND गठबंधन की रणनीति तेज, साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी
राहुल गांधी की रणनीति फेल? मोहन सरकार पर नहीं पड़ा कोई असर, पार्टी बदलाव भी बेअसर
साध्वी को बरी किए जाने के बाद बदले दिग्विजय के तेवर, ‘हिंदू आतंकवाद’ पर नरम रुख