नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार में पहला आम बजट आज 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। इस दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट करेंगी। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक बजट सत्र को आयोजित करने की मंजूरी दे दी है। आज 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया जाएगा। बता दें कि केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं और उनके इस कार्यकाल में वित्त मंत्रालय का कार्यभार एक बार फिर निर्मला सीतारमण को सौंपा गया है।
लगातार 7वीं बार बजट
यह छठी बार होगा जब निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने अब एक अंतरिम बजट सहित छह बजट पेश किए हैं और जुलाई का बजट उनका लगातार 7वां बजट होगा। इसी के साथ वह सबसे अधिक बार बजट प्रस्तुत करने वाले वित्त मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को तोड़ देंगी।
मिडिल क्लास को तोहफे की उम्मीद
इस आम बजट में मिडिल क्लास को बड़े तोहफे की उम्मीद है। नौकरीपेशा लोग इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं तो स्टैंडर्ड डिडक्शन से जुड़ी राहत के भी संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा बजट में महिलाओं और लाभार्थी वर्ग के लिए भी कई बड़े तोहफे मिल सकते हैं। हालांकि, सरकार का फोकस इंफ्रा और एनर्जी पर रहने की उम्मीद है।
एंजल टैक्स हटाने की सिफारिश
इस बीच, उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने केंद्रीय बजट आने से पहले स्टार्टअप कंपनियों पर से एंजल टैक्स हटाने की सिफारिश की है। लेकिन इस पर वित्त मंत्रालय अंतिम निर्णय करेगा। आयकर विभाग ने पिछले साल सितंबर में नए एंजल टैक्स नियमों को अधिसूचित किया था जिसमें निवेशकों को गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप की तरफ से जारी शेयरों का मूल्यांकन करने की एक व्यवस्था भी शामिल है।
क्या होगी इस बार बजट की थीम?
मॉर्गन स्टेनली इंडिया की चीफ इकोनोमिस्ट उपासना चाचरा की रिपोर्ट कहती है कि इस बार के बजट का मुख्य थीम तीन मुद्दों पूंजीगत खर्चे के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने, सामाजिक क्षेत्र के आवंटन में ज्यादा वृद्धि और विकसित भारत पर आधारित हो सकता है। भौतिक, डिजिटल और सामाजिक ढांचागत सुविधाओं पर सरकार का जोर पहले से ज्यादा हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2040 तक ही कुल जनसंख्या में युवा कामगारों की संख्या सबसे ज्यादा रहेगी, उसके बाद धीरे-धीरे यहां बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी।
रोजगार बढ़ाने पर रहेगा जोर
इन दिनों देश में रोजगार एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। सरकार भी विभिन्न आंकड़ों के सहारे पिछले दस वर्षों में सृजित रोजगार के दावे कर रही है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वर्ष 2040 तक ही कुल जनसंख्या में युवा कामगारों की संख्या सबसे ज्यादा रहेगी, उसके बाद धीरे-धीरे यहां बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि आगामी बजट में सरकार का जोर रोजगार सृजन पर रह सकता है।
केयरएज रेटिंग एजेंसी के चीफ रेटिंग ऑफिसर सचिन गुप्ता भी मानते हैं कि मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट, टेक्सटाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन जैसे सेक्टरों को सरकार ज्यादा रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से बढ़ावा दे सकती है। वैश्विक स्तर पर चीन प्लस वन (मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में चीन के साथ किसी और देश में भी प्लांट लगाने की वैश्विक कंपनियों की रणनीति) को भी सरकार बढ़ावा देगी, जो रोजगार पैदा करने में मदद करेगा।
क्या लोकलुभावन होगा बजट?
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के डिप्टी सीईओ राजीव यादव का कहना है कि सरकार के लिए वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 फीसद पर लाना प्राथमिकता होगा क्योंकि यह वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने की तरफ आगे बढ़ने में मदद करेगा। रोजगार देने वाले टेक्सटाइल, चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा सकता है।
एंजेल वन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अमर देव सिंह का अनुमान है कि वित्त मंत्री देश के ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग को बढ़ाने के लिए गरीब तबके व ग्रामीण घरों पर ज्यादा ध्यान दे सकती हैं। इस क्रम में वह यह भी मानते हैं कि शहरी आबादी को भी ज्यादा खर्च करने के लिए सरकार प्रोत्साहित कर सकती है और कम आय कर रिटर्न भरने वालों को थोड़ा बहुत कराधान प्रक्रिया में भी राहत मिल सकता है।
आवास योजना पर रहेगी नजर
एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के हेड (रिसर्च) दीपक जसानी भी यहीं मानते हैं कि कुछ छोटे-मोटे सुधारों के अलावा इस बार के बजट में पुरानी नीतियों को ही आगे बढ़ाने का काम होगा। जसानी इन संभावनाओं को भी निर्मूल बताते हैं कि मनमाफिक चुनावी परिणाम नहीं आने के बाद मोदी सरकार का बजट लोकलुभावन वादों से भरा होगा।
उनके मुताबिक, कैबिनेट में ज्यादा सहयोगी दलों को जगह दे कर और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा कर सरकार काफी काम कर लिया है। ऐसे में राजकोषीय संतुलन बनाने का काम तेज भी हो सकता है क्योंकि सरकार के राजस्व की स्थिति बहुत मजबूत दिख रही है। वह मानते हैं कि आम जनता को सहूलियत से आवास दिलाने और उपभोक्ता सामानों की मांग बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री की तरफ से कुछ घोषणाएं हो सकती हैं।
कैसा है इकोनॉमी का सूरते-हाल
- वर्ष 2023-24 में 8.2 फीसद की आर्थिक विकास दर, लगातार तीसरे साल सात फीसद से ज्यादा।
- भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.9 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा।
- जुलाई-24 में खुदरा महंगाई दर 5.10 फीसद, पिछले साल बजट के समय 6.52 फीसद।
- चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा के 5.8 फीसद से 5.1 फीसद पर आने की संभावना।
- विदेशी मुद्रा भंडार 666 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर।
- पिछले आम बजट से अभी तक शेयर बाजार में 13.35 फीसद की तेजी।
- बेरोजगारी की दर अभी 9.2 फीसद, पिछले वर्ष 8 फीसद।
- वर्ष 2023-24 में 44.42 का विदेशी निवेश आया, 3.5 फीसद की गिरावट।
आर्थिक मामलों के जानकारों का क्या है कहना ?
इस संबंध में आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि वित्त मंत्री केंद्रीय बजट 2024-25 में किसी भी टैक्स से पहले लोगों के लिए आय सीमा को मौजूदा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर सकती हैं। इस बार बजट में वेतन भोगियों के लिए आयकर में मानक कटौती की मौजूदा सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किए जाने का अनुमान है।
होम लोन लेने वालों के लिए क्या उम्मीद ?
केंद्रीय बजट में होम लोन लेने वालों के लिए एक प्रमुख नीति आयकर अधिनियम की धारा 24(बी) के तहत कर लाभ को शामिल करने की उम्मीद है। इस बजट में रसोई गैस पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) जैसी आवश्यक वस्तुओं पर सब्सिडी के जरिए महिलाओं को समर्थन करने की भी उम्मीद है। स्वास्थ्य सेवा के लिए भी इसी तरह के प्रयास की उम्मीद की जा रही है, खासकर महिलाओं के लिए रियायती स्वास्थ्य सेवा दी जाएगी।
ब्याज पर आयकर छूट की मौजूदा सीमा बढ़ाने की संभावना
इस बजट में वित्तमंत्री से बचत खातों से मिलने वाले ब्याज पर आयकर छूट की मौजूदा सीमा 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने की संभावना है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50 हजार रुपये है। इस बजट में सरकार आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या को दोगुना कर सकती है। इसकी शुरुआत 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को इसके दायरे में लाने से होगी।
स्टैंडर्ड डिडक्शन दोगुना कर एक लाख रुपये किए जाने की संभावना
इनकम टैक्स एक्सपर्ट का भी मानना है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोगुना करके एक लाख रुपये किया जा सकता है। इसके अलावा कैपिटल गेन टैक्स को भी तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है।
22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा संसद का बजट सत्र
उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2024-25 लोकसभा में पेश करेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दी है। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। वित्त मंत्री सीतारमण का ये लगातार सातवां बजट होगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को पीछे छोड़ देंगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने एक फरवरी, 2024 को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया था।
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