आज पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट,कल बजट… क्या है इस बार संसद सत्र के एजेंडे में? NEET- नेमप्लेट विवाद पर घेरेगा विपक्ष

नई दिल्ली

आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. इस दौरान विपक्ष नीट पेपर लीक, रेलवे सुरक्षा और कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के फैसले सहित कई मुद्दे उठा सकता है. संसद में कल बजट पेश किया जाना है. इससे पहले आज (22 जुलाई) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी.

आज से शुरू हो रहा संसद का सत्र 12 अगस्त तक चलेगा. इसमें कुल 19 बैठकें होनी हैं. इस दौरान सरकार की ओर से 6 विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है. इसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक और जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी शामिल है. विधेयक पेश होने के दौरान विपक्ष की तरफ से हंगामा भी देखा जा सकता है.

दोनों सदनों में आर्थिक सर्वे पेश करेंगी निर्मला सीतारमण

संसद में कल बजट पेश किया जाना है. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करेंगी. वित्त मंत्री दोपहर 12 बजे लोकसभा तो दोपहर 2 बजे राज्यसभा में रिपोर्ट पेश करने वाली हैं.

शक्ति सिंह गोहिल ने दिया शून्य काल प्रस्ताव

गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने राज्यसभा में शून्य काल का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा,'सुरेन्द्र नगर जिले में दस दिन पहले एक गैर कानूनी तौर पर कोयला (कार्बो सेल)की खदान में काम करते हुए तीन मजदूरों की मृत्यु हो गई. इसी तरह के हादसे सुरेन्द्र नगर जिले में बिना किसी इजाजत के गैर कानूनी तौर पर चल रहे कोयले की खदान में होते रहते हैं. एक अंदाज के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में 100 से ज्यादा व्यक्ति जो कि गरीब और मजदूर हैं, उन्होंने कोयले की खदान में काम करते हुए जान गंवाई है. कोयला निकालने के लिए किसी भी सरकार की मंजूरी के बिना खड्डा खोदकर इसके अंदर जहां से कोयला निकलता है वहाँ सामांतर (Horizontal)रास्ते में खदान बनाई जाती है. और बार बार इसमें या तो गैस की वजह से या जमीन फिसल जाने से गरीब मजदूर जान गंवाते रहते हैं.'

गोहिल ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों का साफ मानना है कि यह गैर कानूनी काम सरकार के अफसर और सत्ता में बैठे पदाधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार से चल रहा है. लोग बोल रहे हैं कि हर महीने एक गड्ढे का डेढ़ लाख रूपया अलग-अलग अफसरों और पदाधिकारियों को दिया जाता है. जान गंवाने वाले ज्यादातर मजदूर 35 साल से कम आयु के हैं. ऐसे जवान मजदूरों की मृत्यु को रोकना जरूरी है. इस बनाव में जो चार लोग दोषी पाये गये है, इस में दो भाजपा के नेता है. अत: मेरा अनुरोध है कि नेशनल रिसोर्सेस की गैरकानूनी तौर पर चल रही चोरी की घटनाओं की जांच किसी ज्यूडिशियल इंक्वायरी या सीबीआई के जरिए करवाई जाए.

जदयू ने और वाईएसआर कांग्रेस ने मांगा विशेष राज्य का दर्जा

संसद के मानूसन सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बिहार और वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई. सर्वदलीय बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मुताबिक, विशेष राज्य के दर्जा के मसले पर तेदेपा नेता इस मामले पर चुप रहे. जदयू सत्तारूढ़ राजग का प्रमुख सहयोगी दल है. उसने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी. बीजद नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी ने ओडिशा के लिए विशेष दर्जे की मांग की है.

लगातार 7वां बजट पेश कर इतिहास रचेंगी निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई 2024 को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना लगातार सातवां बजट पेश करके इतिहास रचने को तैयार हैं. इस तरह वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी. सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी मोरारजी देसाई के पास ही है. सीतारमण अगले महीने 65 साल की हो जाएंगी. उन्हें 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था. इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई. सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम बजट सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल, 2024 से मार्च, 2025) का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा. मोरारजी देसाई ने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था.

आजाद भारत में पहला आम बजट किसने पेश किया था?

आजाद भारत में पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया. प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे.
बजट पर सबसे लंबा और सबसे छोटा भाषण किस-किस वित्त मंत्री ने दिया?

सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया. वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अबतक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं.

बजट पेश करने का समय किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में बदला गया?

बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता है. वर्ष 1999 में समय बदला गया था और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया. तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है. इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई थी, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय अनुमोदन प्रक्रिया पूरी कर सके.