नई दिल्ली
दिग्गज बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने दिल्ली वाला सरकारी बंगला खाली कर दिया है। उन्हें दिल्ली स्थित 28 तुगलक क्रीसेंट बंगला मिला हुआ था। वो बीते 10 साल से इस बंगले में मौजूद थीं। हालांकि, लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद अब उन्हें अपना आवास खाली करना पड़ा है।28 तुगलक क्रीसेंट बंगले से स्मृति इरानी की नेट प्लेट हट गई है। स्मृति अकेली नहीं हैं जिन्हें लुटियंस जोन में सरकारी बंगला खाली करना पड़ा है। चुनाव हारने वाले सभी सांसदों को 11 जुलाई तक अपना आवास खाली करना था। ऐसे में उन्होंने सरकारी बंगला खाली कर दिया।
इसलिए खाली कराया गया बंगला
बीते 5 जून को ही राष्ट्रपति ने पुरानी लोकसभा भंग कर दी थी। इसके बाद नई लोकसभा का गठन हुआ। नियमों के मुताबिक, चुनाव में हारे हुए सांसदों को सरकारी बंगला खाली करने के साथ ही मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ता है। इसके बाद यही बंगला चुनाव जीतकर आए हुए सांसदों को आवंटित किया जाता है। इस लोकसभा चुनाव में मोदी मंत्रिमंडल के 17 केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा।
बंगला खाली करने वालों में ये पूर्व सांसद
इसमें से अब तक आरके सिंह, अर्जुन मुंडा, महेंद्रनाथ पांडेय, स्मृति ईरानी, संजीव बालियान का नाम शामिल है। इनके अलावा राजीव चंद्रशेखर, कैलाश चौधरी, अजय मिश्रा टेनी, वी मुरलीधरन, निशित प्रामाणिक, सुभाष सरकार, साध्वी निरंजन ज्योति, रावसाहेब दानवे, कौशल किशोर, भानुप्रताप वर्मा, कपिल पाटिल, भगवंत खुबा, भारती पवार को बंगला खाली करने का नोटिस मिला था।
स्मृति ने 10 साल बाद छोड़ा लुटियंस वाला बंगला
मोदी सरकार 2.0 में कद्दावर मंत्री रहीं स्मृति इरानी को अमेठी सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी केएल शर्मा ने करीब एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। इसी के बाद उन्हें दिल्ली स्थित 28 तुगलक क्रीसेंट बंगले को खाली करने का नोटिस मिला। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। 11 जुलाई तक बीजेपी नेता को बंगला खाली करना था। आखिरकार तय डेट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने करीब 10 साल बाद लुटियंस जोन में मौजूद इस बंगले को बाय-बाय कर दिया है।

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