पुणे
महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में जिला प्रशासन ने मानसून सीजन के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कुछ फैसला लिया है. मंगलवार को मावल तहसील में भुशी बांध और पवना बांध क्षेत्र सहित कई लोकप्रिय पिकनिक जगहों पर 2 से 31 जुलाई तक लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
प्रशासन ने खतरनाक पर्यटन स्थलों के लिए सुरक्षा उपायों की एक लिस्ट पहले ही तैयार कर ली है, जिसमें खतरनाक इलाकों की पहचान और सीमांकन, जीवन रक्षकों और बचाव दलों की उपस्थिति और चेतावनी बोर्ड लगाना शामिल है.
हादसे बाद प्रशासन शख्त
पुणे जिला प्रशासन के द्वारा यह फैसला रविवार को हुई उस घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें एक महिला और चार बच्चे पुणे जिले के सुरम्य लोनावाला हिल स्टेशन के मशहूर पिकनिक स्थल भुशी बांध के पास एक झरने में बह गए थे.
जिला कलेक्टर सुहास दिवासे की तरफ से मंगलवार को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, नव क्रियान्वित भारतीय नगरी सुरक्षा संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 163 को मावल, मुलशी, अम्बेगांव, खेड़, जुन्नार, भोर, वेल्हा, इंदापुर और हवेली तहसीलों में विशिष्ट स्थानों पर लागू किया जाएगा.
सेल्फी और रील पर बैन
आदेश में पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है, गहरे जल निकायों में लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, इसके साथ ही इन जगहों पर सेल्फी लेने और रील बनाने पर बैन लगाया गया है. उल्लंघन करने वालों पर बीएनएनएस और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कई जगहों पर लगी पाबंदी
यह पाबंदी कई जगहों पर लागू की जाएगी, जिसमें मावल तहसील में भुशी बांध, बेंडेवाड़ी और दहुली झरने, साथ ही खंडाला में टाइगर प्वाइंट, लायन प्वाइंट और राजमाची प्वाइंट, सहारा ब्रिज, पावना बांध क्षेत्र, टाटा बांध और घुबाद झील शामिल हैं.
मुलशी तहसील में, आदेश मुलशी बांध, तमहिनी घाट वन क्षेत्र और मिल्कीबार झरना को कवर करते हैं. हवेली तहसील के इलाकों में खडकवासला और वारसगांव बांध और सिंहगढ़ किले के आसपास के इलाके शामिल हैं. अम्बेगांव तहसील में, आदेश भीमाशंकर क्षेत्र, डिंभे बांध क्षेत्र और कोंधवाल झरना क्षेत्र पर लागू होता है.
जुन्नार तहसील में मालशेज घाट, स्थानीय बांध, शिवनेरी किला इलाका और माणिकदोह शामिल हैं. पाबंदी लगाने का यह उपाय भटघर बांध इलाके के आसपास के झरनों और भोर और वेल्हा तहसीलों में अन्य जल निकायों और किला क्षेत्रों तक फैले हुए हैं. इसी तरह, खेड़ और इंदापुर तहसीलों में जल निकायों और घाट क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है.
इसके अलावा, लोनावाला नगर परिषद और सेंट्रल रेलवे द्वारा संयुक्त कार्रवाई में, अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान भुशी बांध के पास 60 से ज्यादा अस्थायी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. सोमवार को कलेक्टर दिवासे ने स्थानीय प्रशासन को पर्यटन स्थलों के आसपास अनधिकृत संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. खास तौर पर, इन जगहों पर पर्यटकों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं के मद्देनजर कुछ जगहों पर सुरक्षा उपायों की रूपरेखा तैयार की गई थी.
पिछले 3 महीने में 27 शव बरामद
माॉनसून के दौरान, बड़ी तादाद में पर्यटक पुणे जिले के पश्चिमी घाट में स्थित भुशी और पावना बांध, लोनावाला, सिंहगढ़, मालशेज और ताम्हिनी तथा अन्य स्थानों पर आते हैं, अक्सर अज्ञात और खतरनाक इलाकों में चले जाते हैं.
लोनावाला में पवना बांध की शांत जगह भी कई दुखद डूबने की घटनाओं से प्रभावित हुई है, जो इस इलाके में सुरक्षा उपायों को लागू करने के महत्व को रेखांकित करता है. लोनावाला पुलिस के मुताबिक, जनवरी 2024 से पवना बांध में चार लोग डूब चुके हैं.
वन्यजीव रक्षक मावल (VRM) जैसे बचाव संगठनों ने इस साल मार्च से मई के बीच मावल तहसील में विभिन्न जल निकायों से 27 शव बरामद किए हैं. जिला कलेक्टर ने अधिकारियों से विभिन्न पर्यटक स्थलों जैसे बांध, झरने, झील, नदियां और चट्टानों पर खतरनाक जगहों की पहचान करने और परिधि रेखाएं और चेतावनी बोर्ड लगाकर उन्हें पाबंदी वाले इलाकों के रूप में चिह्नित करने के लिए कहा था, जिससे पर्यटक उनसे आगे न जाएं.

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