
इंदौर
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस से भाजपा में आए फरार भाजपा नेता अक्षय कांति बम को हाई कोर्ट से फिर राहत नहीं मिल सकी। शुक्रवार को अग्रिम जमानत याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई हुई, जो अब आगे बढ़ा दी गई है। नई तारीख 29 मई तय की है।
कांग्रेस ने लगाया धमकाने का आरोप
अक्षय कांति बम इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार थे. उन्होंने ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया था कि अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी. उसे धमकाया गया. उसे पूरी रात अलग-अलग तरीकों से धमकाया गया, जिसके बाद उसने अपना नामांकन वापस ले लिया.
17 साल पुराने केस में जोड़ी गई धारा 307
अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के साथ जमीन विवाद के दौरान हमला, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी लेकिन खजराना पुलिस ने तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी.
जिस दिन अक्षय कांति बम ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई. उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया.
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