जयपुर
राजस्थान में नए साल पर अलर्ट पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक से लदी एक कार को बरामद किया है। राजस्थान के टोंक में पकड़ी गई कार में 150 किलो अमोनियम नाइट्रेट था, जिसे यूरिया के कट्टों में छिपा कर रखा गया था। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इन विस्फोटकों को किस मकसद से और कहां ले जाया जा रहा था।
टोंक के डीएसपी मृत्युंजय मिश्रा ने बताया कि मारुति सियाज गाड़ी बूंदी से रवाना हुई और टोंक जा रही थी। सूचना आधार पर बरौनी थाना क्षेत्र में नाकाबंदी कर इस कार को रोका गया। जांच में इसके अंदर भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है। यह विस्फोटक 150 किलो अमोनियम नाइट्रेड था, जो यूरिया के कट्टों में छिपाकर रखा गया था। इसके साथ 200 डेंजर एक्सप्लोसिव कार्टेज और सेफ्टी फ्यूज वायर के 6 बंडल (कुल करीब 1100 मीटर) बरामद किए गए। पुलिस ने विस्फोटक ले जा रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की पहचान सुरेंद्र (48) पुत्र भंवरलाल, और सुरेंद्र मोची (33) पुत्र दुलीलाल के रूप में हुई है। दोनों करवर बूंदी के रहने वाले हैं। पुलिस आरोपियों से विस्फोटक सामग्री की सप्लाई और इसके उपयोग को लेकर गहन पूछताछ कर रही है। पुलिस पता लगा रही है कि ये लोग विस्फोटक कहां से लाए थे और किसके पास ले जा रहे थे। पुलिस की जांच मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित है कि विस्फोटक किस मकसद से कहां ले जाया जा रहा था।
क्या-क्या आशंकाएं, पुलिस बोली- हर पहलू से जांच
डीएसपी ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने पहले कब-कहां इस तरह विस्फोटक की आपूर्ति की है। अमोनियम नाइट्रेड किसी भी तरह की विस्फोटक घटना को अंजाम देने में काम आ सकता है। जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली धमाकों में भी इसी का इस्तेमाल हुआ था तो उन्होंने कहा, 'जितने भी तथ्य हैं और जो भी पहलू हैं, सबकी जांच की जा रही है। इस पहलू की भी जांच की जा रही है। अरावली में खनने के लिए भी विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है, इसको लेकर किए गए सवाल पर डीएसपी ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं खनन के लिए तो नहीं ले जा रहे थे। इसके अलावा नए साले के पहलू को भी ध्यान में रखकर पूछताछ की जा रही है।

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