नई दिल्ली
केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के सख्त निर्देशों के बाद इंडिगो (IndiGo) ने अपनी घरेलू उड़ानों में कटौती कर दी है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडिगो ने अपने दैनिक शेड्यूल में लगभग 10 फीसदी की कटौती करते हुए 94 अलग-अलग रूट्स पर अपनी करीब 130 फ्लाइट्स को रोक दिया है. इंडिगो ने दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-बेंगलुरु और मुंबई-बेंगलुरु जैसे व्यस्त रूटों पर उड़ानों की संख्या में कोई कटौती नहीं की है. वहीं देश प्रमख हवाई अड्डों में बेंगलुरु से सबसे ज्यादा उड़ानों में कटौती की गई है. इंडिगो अब प्रतिदिन कुल 2,200 उड़ानों (घरेलू + अंतरराष्ट्रीय) के स्तर पर खुद को स्थिर करने की कोशिश कर रहा है. पहले यह संख्या 2,300 के पार थी. सूत्रों का कहना है कि यह न्यू नॉर्मल मार्च 2026 तक जारी रह सकता है.
दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो ने जो शेड्यूल फाइल किया था और 29 दिसंबर के लिए जो संशोधित शेड्यूल सामने आया, उनमें जमीन-आसमान का अंतर है. दिसंबर की शुरुआत में इंडिगो ने 29 दिसंबर के लिए 2,008 घरेलू उड़ानों की योजना बनाई थी, लेकिन नए अपडेटेड चार्ट में यह संख्या घटकर 1,878 रह गई है. इंडिगो के इस नए शेड्यूल की सबसे दिलचस्प बात यह है कि एयरलाइन ने अपने ‘कैश काउ’ यानी सबसे ज्यादा कमाई कराने वाले और व्यस्ततम रूट्स को पूरी तरह सुरक्षित रखा है. यह कटौती दिसंबर की शुरुआत में आए बड़े ऑपरेशनल व्यवधान के बाद की गई, जिसके चलते कुछ ही दिनों में हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं.
दिल्ली से इंडिगो ने नहीं की फ्लाइट कम
इंडिगो के सबसे बड़े बेस दिल्ली से एक भी उड़ान कम नहीं की गई है. वहीं, सपनों के शहर मुंबई में केवल दो उड़ानों (एक आने वाली और एक जाने वाली) की कटौती हुई है. दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-बेंगलुरु और मुंबई-बेंगलुरु जैसे हाई-ट्रैफिक रूट्स पर उड़ानों की संख्या जस की तस बनी हुई है. दिल्ली-मुंबई रूट पर आज भी 20-20 उड़ानें शान से उड़ान भर रही हैं. इस कटौती की सबसे ज्यादा मार कम दूरी वाले यानी शॉर्ट-हॉल रूट्स पर पड़ी है. इसमें एक ही राज्य के भीतर चलने वाली या पड़ोसी राज्यों के शहरों को जोड़ने वाली उड़ानें शामिल हैं.
किस एयरपोर्ट पर हुई सबसे ज्यादा कटौती
बेंगलुरु में सबसे अधिक परिचालन संबंधी बदलाव देखे गए हैं. 29 दिसंबर के शेड्यूल में बेंगलुरु से जुड़ी 52 उड़ानों (26 प्रस्थान और 26 आगमन) को हटा दिया गया है.
बेंगलुरु: 52 उड़ानें कम
हैदराबाद: 34 उड़ानें कम
चेन्नई: 32 उड़ानें कम
कोलकाता: 22 फ्लाइट्स कम
अहमदाबाद : 22 उड़ानें कम
इस रूट पर सबसे ज्यादा कटौती
इंडिगो ने इस छंटनी को बहुत ही सूक्ष्म तरीके से अंजाम दिया है. चेन्नई-मदुरै और मदुरै-चेन्नई रूट पर सबसे बड़ी कटौती हुई है, जहां 8 उड़ानों की जगह अब केवल 3 उड़ानें रह गई हैं. गोवा-सूरत और चेन्नई-दुर्गापुर जैसे कुछ रूट्स ऐसे भी हैं, जहां चलने वाली इकलौती फ्लाइट को भी हटा दिया गया है, जिससे फिलहाल इन शहरों के बीच इंडिगो का संपर्क टूट गया है. कटौती के बीच इंडिगो ने दिल्ली-नागपुर और दिल्ली-हैदराबाद जैसे कुछ महत्वपूर्ण रूट्स पर एक-एक अतिरिक्त उड़ान जोड़ी भी है, ताकि हाई-डिमांड वाले क्षेत्रों में पकड़ बनी रहे.
क्या यह 10% कटौती के आदेश का पालन है?
तकनीकी रूप से देखें तो 2,008 से 1,878 उड़ानों पर आना करीब 6.5% की कमी है. हालांकि, विमानन सूत्रों का कहना है कि इंडिगो पूरी तरह नियमों का पालन कर रही है. दरअसल, DGCA की 10% कटौती एयरलाइन के ‘स्वीकृत विंटर शेड्यूल’ पर लागू होती है, जो लगभग 2,145 दैनिक उड़ानों का था. इस आधार पर अनुमत उड़ानों की संख्या 1,930 के करीब आती है. चूंकि इंडिगो अभी 1,878 उड़ानें ही संचालित कर रहा है, इसलिए वह निर्धारित सीमा के भीतर ही है. एयरलाइंस अक्सर परिचालन में लचीलापन रखने के लिए स्वीकृत कोटा से कम उड़ानें ही चलाती हैं.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कटौती से बेअसर
राहत की बात यह है कि DGCA का यह आदेश केवल घरेलू उड़ानों के लिए था. इंडिगो का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, जो प्रतिदिन 300 से अधिक उड़ानों का है, इस कटौती से पूरी तरह अछूता है. एयरलाइन विदेशों के लिए अपनी सेवाओं को उसी आक्रामकता और फ्रीक्वेंसी के साथ जारी रखे हुए है.
क्रू की उपलब्धता और नेटवर्क मैनेजमेंट
एविएशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कटौती केवल नियामक के दबाव में नहीं है, बल्कि यह एयरलाइन के लिए ‘आत्मनिरीक्षण’ का समय भी है. पिछले कुछ हफ्तों में भारी ऑपरेशनल व्यवधान और हजारों उड़ानों के रद्द होने से इंडिगो की साख पर सवाल उठे थे. अब, रूट्स की दूरी और क्रू की उपलब्धता के आधार पर शेड्यूल को दोबारा सेट किया गया है ताकि भविष्य में अचानक उड़ानें रद्द करने की नौबत न आए.

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