अरावली मुद्दे पर कांग्रेस सख्त, प्रदर्शन में शामिल न होने वाले 8 जिलाध्यक्षों को भेजा जाएगा नोटिस

जयपुर

अरावली क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर कांग्रेस ने भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि अरावली में अवैध खनन में बीजेपी के मंत्री और विधायक हिस्सेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संवेदनशील क्षेत्र को खनन माफियाओं के हवाले कर दिया है।

डोटासरा ने कहा कि जब मौजूदा सरकार सत्ता में आई थी, तब अवैध खनन के खिलाफ सात दिन का अभियान चलाया गया था, लेकिन उसके बाद यह कार्रवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गई। उन्होंने चिंता जताई कि पिछले दो वर्षों में अरावली क्षेत्र के पहाड़ तेजी से गायब हो रहे हैं।

'अरावली क्षेत्र में 52 खनन टेंडर जारी कर दिए'
डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खनन मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी अधिकारी, बीजेपी के मंत्री और विधायक अवैध खनन में हिस्सेदारी रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पहली सरकार है जिसने खनन माफियाओं को खुली छूट दी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने मात्र एक महीने में अरावली क्षेत्र में 52 खनन टेंडर जारी कर दिए।

अवैध खनन स्थलों को किया जा रहा नियमित
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि हाल के महीनों में हजारों अवैध खनन स्थलों को नियमित किया जा रहा है, जो पहले कानून के तहत बंद थे। उन्होंने विधानसभा सत्र में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर सरकार को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर करने की चेतावनी दी।

प्रदर्शन नहीं करने वाले 8 जिलाध्यक्षों को नोटिस
डोटासरा ने बताया कि अरावली और अवैध खनन के खिलाफ कांग्रेस के आह्वान के बावजूद प्रदेश के आठ जिलों में अब तक प्रदर्शन नहीं हुए हैं। ऐसे में संबंधित जिला कांग्रेस अध्यक्षों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा का पलटवार
भाजपा के प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि डोटासरा को अवैध खनन में हिस्सेदारी का अनुभव है, क्योंकि उनके कार्यकाल में भी यह समस्या मौजूद थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में पांच विभागों की संयुक्त टीमें अवैध खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं। रामलाल शर्मा ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अरावली क्षेत्र में वृक्षारोपण के लिए 200 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है।