वाजपेयी जी की दूरदर्शिता ने भारत को दिलाई परमाणु महाशक्ति की पहचान: चंद्रबाबू नायडू

अमरावती 
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने भारत को परमाणु शक्ति बनाकर दुनिया के सामने भारतीयों की क्षमताओं को साबित किया। गुरुवार को वाजपेयी की 101वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि कोई भारत को चुनौती देगा तो वह उचित जवाब देगा। यही संकल्प हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भी देखने को मिला। मुख्यमंत्री नायडू ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ अमरावती राजधानी क्षेत्र के वेंकटपालेम में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने वाजपेयी के जीवन पर आधारित फोटो प्रदर्शनी देखी और कार्यक्रम स्थल पर लगे विभिन्न स्टॉलों का भी अवलोकन किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पास ही आयोजित सुशासन दिवस की जनसभा में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्रीनिवास वर्मा और पेम्मासानी चंद्रशेखर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पीवीएन माधव, राज्य मंत्री सत्यकुमार यादव, पी. नारायण, कंदुला दुर्गेश सहित कई नेता मौजूद रहे। टीडीपी, भाजपा, जनसेना के कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने प्रतिमा अनावरण समारोह में भाग लिया।
इससे पहले मुख्यमंत्री नायडू ने ‘एक्स’ पर वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, “अपने नाम की तरह ही अटल बिहारी वाजपेयी जी राष्ट्र सेवा के संकल्प में अटल थे। वे गरिमामय राजनेता, कवि हृदय और दुर्लभ दूरदर्शिता वाले नेता थे, जो अपनी ईमानदारी, विनम्रता और दलों के बीच सहमति बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते थे।” टीडीपी प्रमुख ने वाजपेयी के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की सुरक्षा को मजबूत किया, शासन को नई दिशा दी और अपने विचारों व कार्यों से पीढ़ियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “मुझे उनके साथ काम करने और उनकी बुद्धिमत्ता से सीखने का सौभाग्य मिला। देश के विकास में उनके परिवर्तनकारी योगदान के लिए उन्हें हमेशा सम्मान और कृतज्ञता के साथ याद किया जाएगा।”
सुशासन दिवस की जनसभा में मुख्यमंत्री ने दोहराया कि अमरावती को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों का बलिदान ही अमरावती में वाजपेयी स्मृति वनम के निर्माण की प्रेरणा है। उन्होंने कहा, “यह स्मारक हम अटल बिहारी वाजपेयी को ऐसा भव्य सम्मान देने के लिए बना रहे हैं, जिसे इतिहास याद रखेगा।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि भाजपा ने अटल–मोदी सुशासन यात्रा शुरू की है और गठबंधन सरकार मिलकर 26 जिला मुख्यालयों में वाजपेयी की प्रतिमाएं स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी संस्थापक एन. टी. रामाराव (एनटीआर) के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि एनटीआर और वाजपेयी ने इतिहास की दिशा बदल दी। एनटीआर ने गैर-कांग्रेस दलों को राष्ट्रीय मोर्चे के तहत एकजुट किया। वाजपेयी और एनटीआर के बीच लंबे समय से संबंध रहे। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी के गठन तक की यात्रा भी अत्यंत महत्वपूर्ण रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के बुनियादी ढांचे की मजबूत नींव रखी। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, जिसकी शुरुआत ताड़ा से चेन्नई के बीच हुई, उनकी दूरदृष्टि का उदाहरण है। उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में उदारीकरण की पहल की, जो ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना।