उदयपुर
30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद बॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को एक बार फिर अदालत से कोई राहत नहीं मिली है। उदयपुर की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने बुधवार को भट्ट दंपती की दूसरी जमानत याचिका भी खारिज कर दी।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि मामले में अभी अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और उनसे अहम पूछताछ बाकी है। ऐसे में इस स्तर पर आरोपियों को जमानत देना उचित नहीं होगा। कोर्ट का यह आदेश बुधवार को जारी किया गया। उदयपुर की दोनों निचली अदालतों से राहत न मिलने के बाद अब भट्ट दंपती को जमानत के लिए राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर बेंच का रुख करना पड़ेगा। हालांकि, हाईकोर्ट में अवकाश के चलते उन्हें नए साल के बाद तक भी जेल में रहना पड़ सकता है।
भट्ट दंपती के अधिवक्ता कमलेश दवे ने बताया कि इससे पहले एसीजेएम कोर्ट-4 ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सत्र न्यायालय में याचिका दायर की गई, लेकिन जज के अवकाश पर होने के कारण लगातार तीन बार सुनवाई टलती रही। अंततः मंगलवार को महिला उत्पीड़न कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद याचिका खारिज कर दी गई। एसीजेएम कोर्ट-4 ने अपने आदेश में कहा था कि यदि जमानत दी जाती है तो गवाहों के प्रभावित होने की आशंका है। साथ ही, मामला बीएनएस की धारा 338 के तहत गैर-जमानती होने के कारण भी जमानत देने से इनकार किया गया।
42 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट में धोखाधड़ी का आरोप
मामले में इंदिरा ग्रुप कंपनीज के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया ने आरोप लगाया है कि उन्होंने फिल्म निर्माण के लिए विक्रम भट्ट से 42 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया था। बाद में उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ, जिसके बाद 17 नवंबर को विक्रम भट्ट सहित 8 लोगों के खिलाफ उदयपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई। इस केस में उदयपुर पुलिस पहले ही भट्ट के को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और फर्जी वेंडर संदीप को मुंबई से गिरफ्तार कर चुकी है।
7 दिसंबर को मुंबई से हुई थी गिरफ्तारी
विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को 7 दिसंबर को मुंबई स्थित उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 9 दिसंबर को दोनों को उदयपुर कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इससे पहले 9 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर बेंच) में विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी पर रोक से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई थी। उस दौरान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी में जल्दबाजी को लेकर आईजी, एसपी और जांच अधिकारी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। फिलहाल, दूसरी जमानत याचिका भी खारिज होने के बाद भट्ट दंपती की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, और अब उनकी उम्मीदें राजस्थान हाईकोर्ट पर टिकी हुई हैं।

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