प्रदेश में बिजली, सुरक्षा और रोजगार में दिख रहा ऐतिहासिक बदलावः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऊर्जा, सुरक्षा, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं के क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तन को किया रेखांकित

मुख्यमंत्री ने कहा- प्रदेश का बिजली उत्पादन आज बढ़कर 11,595 मेगावाट पहुंचा, नई परियोजनाओं के शुरू होने से यह क्षमता जल्द 18,136 मेगावाट तक पहुंचेगी

लखनऊ,

विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के ऊर्जा, सुरक्षा, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं के क्षेत्र में हुए व्यापक परिवर्तन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद उत्तर प्रदेश ने न केवल बुनियादी ढांचे और कानून-व्यवस्था में मजबूती हासिल की है, बल्कि निवेश, स्टार्टअप और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में अपनी पहचान बनाई है।

शायद नेता विरोधी दल को मिल रही है अच्छी बिजली
मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऊर्जा के विषय पर नेता विरोधी दल ने चर्चा नहीं की और संभवतः यह अच्छा ही है। शायद उन्हें अब बिजली मिल रही है, इसलिए इस विषय पर बोलने की आवश्यकता नहीं समझी गई। क्योंकि यह सच्चाई है कि पहले गांवों में बिजली नियमित रूप से उपलब्ध नहीं थी। आज यदि गांवों में बिजली आ रही है, तो स्वाभाविक है कि लोग संतुष्ट होंगे। आप देखिए, कभी-कभी शिवपाल जी के बगल में बैठने से संगत का थोड़ा असर पड़ जाता है, लेकिन सामान्यतः आप सच बोलते हैं और सच यह है कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कुल विद्युत उत्पादन मात्र 7,159 मेगावाट था। आज अकेले उत्तर प्रदेश में 11,595 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। आने वाले समय में जिन नई परियोजनाओं से बिजली उत्पादन शुरू होने जा रहा है, उनमें घाटमपुर, खुर्जा, अनपरा-ई, ओबरा-डी और मेजा शामिल हैं। इन परियोजनाओं से 6,541 मेगावाट अतिरिक्त बिजली बहुत जल्द प्रदेश को मिलने वाली है। इसका अर्थ है कि निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश अकेले 18,136 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश ने 1 गीगावाट की सोलर क्षमता हासिल कर ली है और इस मामले में प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। घरों की छतों पर सोलर पैनल लगने से बिजली का खर्च आधे से भी कम हो रहा है। यदि उपभोक्ता इसकी उचित देखभाल करें, तो यह योजना लंबे समय तक लाभकारी सिद्ध होगी। सरकार इस दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।

कामकाजी महिलाओं की भागीदारी में हुई ऐतिहासिक वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा का परिणाम यह है कि प्रदेश में महिलाओं की कार्यभागीदारी में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 से पहले कामकाजी महिलाओं की भागीदारी केवल 13 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 35 से 36 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के कारण अब महिलाएं नाइट शिफ्ट में भी निसंकोच काम कर रही हैं, और कहीं भी सुरक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं है। युवाओं के लिए सरकार ने ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ लागू की है। मुझे प्रसन्नता है कि अब तक 1,10,000 से अधिक युवाओं को इस योजना के अंतर्गत गारंटी-मुक्त और ब्याज-मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। आज उत्तर प्रदेश में एक सशक्त स्टार्टअप इकोसिस्टम खड़ा हुआ है। प्रदेश में 18,000 से अधिक स्टार्टअप, 76 इनक्यूबेटर, 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और 8 यूनिकॉर्न सक्रिय हैं। रोजगार के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में बेरोजगारी दर लगभग 19 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 2.21 प्रतिशत रह गई है।

डीबीटी के माध्यम से पारदर्शिता के साथ दी जा रही पेंशन और छात्रवृत्ति
मुख्यमंत्री ने वेलफेयर योजनाओं के बारे में जानकारी दी कि दिव्यांगजनों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों को मिलने वाली पेंशन की स्थिति सभी को याद होगी। आपके समय में पेंशन ₹300 थी, वह भी अधूरी। कहीं ₹750 थी, वह भी समय पर नहीं मिलती थी। आज सरकार डीबीटी के माध्यम से 1 करोड़ 6 लाख परिवारों को ₹12,000 वार्षिक पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में उपलब्ध करा रही है। छात्रवृत्ति के मामले में समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में घोटाले हुए। अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति तक रोक दी गई थी। आज सरकार ने स्पष्ट व्यवस्था तय की है कि छात्रवृत्ति दीपावली से पहले और शेष मामलों में गणतंत्र दिवस से पहले छात्रों को मिल जानी चाहिए। सरकार इस पर प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है।