धार
देश के पहले पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल के मेडिकल कालेज का भूमि पूजन मंगलवार को धार में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि धार का यह मेडिकल कालेज देश में अपनी तरह का पहला संस्थान है, जो निजी जन-भागीदारी से बनाया जा रहा है। यह केवल एक भवन नहीं होगा, बल्कि यहां से तैयार होकर एमबीबीएस डॉक्टर गांव-गांव तक सेवाएं देंगे।
चिकित्सा विशेषज्ञों की चिंता
चिकित्सा विशेषज्ञों की चिंता यही है कि अधिक से अधिक मेडिकल कालेज खोलने के चक्कर में मेडिकल कालेजों की स्थिति भी इंजीनियरिंग और नर्सिंग कॉलेजों जैसी न हो जाए। गुणवत्ता के लिए सबसे जरूरी फैकल्टी (प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक) हैं, पर इस वर्ष प्रारंभ हुए श्योपुर और सिंगरौली मेडिकल कालेज मात्र 10 प्रतिशत फैकल्टी के सहारे चल रहे हैं।
116 पदों में से 12 ही पदस्थ
फैकल्टी की कमी से नुकसान मात्र विद्यार्थियों का ही नहीं बल्कि मरीजों को भी उठाना पड़ रहा है। मेडिकल कालेज के नाम पर आसपास के जिला अस्पतालों से रोगियों को मेडिकल कालेज रेफर किया जाता है, पर सुविधाओं के अभाव में उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पाता है। फैकल्टी की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिंगरौली में फैकल्टी के 116 पदों में से 12 यानी 10 प्रतिशत ही पदस्थ हैं।

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