नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के जर्मनी दौरे को लेकर तल्ख टिप्पणी की। भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विदेश जाकर राहुल गांधी ने न केवल भारत को बदनाम किया, बल्कि भारत विरोधी ताकतों से मुलाकात भी की। भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी पर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पहला कर्तव्य संसद में मौजूद रहना होता है, लेकिन राहुल गांधी संसद सत्र छोड़कर जर्मनी चले गए। भाटिया ने कहा, "विदेश जाकर भारत को बदनाम करना और भारत विरोधी लोगों से मिलना, यह काम देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कर रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।"
गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जर्मनी के हर्टी स्कूल गए, जहां उन्होंने डॉ. कॉर्नेलिया वोल से मुलाकात की। उन्होंने दावा किया कि डॉ. वोल सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी (सीईयू) की ट्रस्टी हैं, जिसे अमेरिकी निवेशक और परोपकारी जॉर्ज सोरोस से जुड़ा बताया जाता है। भाजपा का आरोप है कि जॉर्ज सोरोस और उनसे जुड़े संस्थानों के भारत विरोधी रुख रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने एक राजनीतिक मीम का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस के बीच करीबी संबंध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी संसद सत्र चल रहा होता है, राहुल गांधी विदेश यात्रा पर निकल जाते हैं और ऐसे लोगों से मिलते हैं जो भारत के विरोधी हैं या भारत की प्रगति से जलन रखते हैं। गौरव भाटिया ने सवाल उठाया कि आखिर नेता प्रतिपक्ष किस एजेंडे के तहत विदेशों में जाकर भारत के खिलाफ माहौल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी का नाम कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ा हो। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना 'मीर जाफर' से करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियां देश के हितों के खिलाफ हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जॉर्ज सोरोस भारत को लेकर कई बार नकारात्मक बयान दे चुके हैं और उन पर भारत में अशांति फैलाने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोरोस भारतीय नागरिक नहीं हैं और न ही उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है, लेकिन राहुल गांधी ने संविधान की शपथ ली है, इसके बावजूद उनका ऐसा व्यवहार बेहद शर्मनाक है। भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी को मासूम नहीं बल्कि चालाक बताया जा सकता है और उनका रवैया सत्ता हासिल करने के लिए भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े होने जैसा है। उन्होंने इसे देश के खिलाफ साजिश करार देते हुए गंभीर शब्दों का इस्तेमाल किया।
उन्होंने पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ये जान चुकी हैं कि वो आगामी चुनाव हारने जा रही हैं। इसलिए वो सांप्रदायिक राजनीति करके चुनाव को प्रभावित करना चाहती हैं। टीएमसी के विधायक मदन मित्रा ने जिस प्रकार से हिंदू विरोधी वक्तव्य दिया, उससे हिंदुओं की भावनाएं काफी आहत हुई हैं। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मदन मित्रा ने कहा कि प्रभु श्रीराम हिंदू नहीं, मुसलमान हैं। इसके बावजूद ममता बनर्जी ने न तो इसकी निंदा की और न ही उन्हें पार्टी से निकाला।"

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