भोपाल.
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में 11:00 बजे से दो दिवसीय कार्यशाला- अकाष्ठीय वनोपज से सामुदायिक विकास-"वनों की समृद्धि को सामुदायिक जनकल्याण से जोड़ना" विषय पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन श्री व्ही. एन. अंबाड़े, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के मुख्य आतिथ्य में हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री व्ही. आर. खरे, सेवानिवृत्त वन बल प्रमुख भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून की महानिदेशक, श्रीमती कंचन देवी, सेवानिवृत्त वन बल प्रमुख श्री रमेश के. दवे, डॉ. अभय कुमार पाटिल तथा म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ की प्रबंध संचालक डॉ. समीता राजोरा उपस्थित रहे। कार्यशाला में वनों से विनाश विहीन विदोहन के लिये नई तकनीकों की जानकारी ग्रामीण संग्राहकों तक पहुंचाने के लिये वन परिक्षेत्रवार कार्यक्रम चलाना चाहिए जिससे वनों का विस्तार हो एवं वनों से प्राप्त होने वाली वनोपजों का संरक्षण एवं पैदावार बढ़ाई जा सके, के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई ।
मेले में आज तीसरे दिन सुबह से हर्बल उत्पादों की खरीदी में लोगों का भारी रूझान दिखाई दिया । ईको टूरिज्म बोर्ड द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में डायनासौर स्कल्पचर लोगों की जिज्ञासा का केन्द्र बना रहा। एम.एफ.पी. पार्क द्वारा तैयार किये गये नवीन उत्पादों को खरीदने एवं इनके उपयोग की जानकारी प्राप्त करने के लिये आगंतुकों ने खासी रूचि दिखाई। नरसिंहपुर जिला यूनियन के समिति गाडरवाड़ा की सबई रस्सी एवं दोना पत्तल बनाने की विधि भी आम जन के आकर्षण का केन्द्र रहीं। जिला यूनियन हरदा, बालाघाट द्वारा निर्मित कराये गये बांस के फर्नीचर एवं सजावट के सामानों को भी लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश की विभिन्न जिला यूनियनों एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों तथा वन-धन केन्द्रों द्वारा जड़ी-बूटियों के मिश्रण से निर्मित की गई जन उपयोगी एवं स्वास्थ्य के लिए हितकर खाद्य सामग्रियों की खरीददारी भी बढ़-चढकर लोगों द्वारा की जा रही है।
खरीदने एवं इनके उपयोग की जानकारी प्राप्त करने के लिये आगंतुकों ने खासी रूचि दिखाई। नरसिंहपुर जिला यूनियन के समिति गाडरवाड़ा की सबई रस्सी एवं दोना पत्तल बनाने की विधि भी आम जन के आकर्षण का केन्द्र रहीं। जिला यूनियन हरदा, बालाघाट द्वारा निर्मित कराये गये बांस के फर्नीचर एवं सजावट के सामानों को भी लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश की विभिन्न जिला यूनियनों एवं प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों तथा वन-धन केन्द्रों द्वारा जड़ी-बूटियों के मिश्रण से निर्मित की गई जन उपयोगी एवं स्वास्थ्य के लिए हितकर खाद्य सामग्रियों की खरीददारी भी बढ़-चढ़कर लोगों द्वारा की गई ।
आज हुए कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं के फैंसी ड्रेस / सोलो एक्टिंग प्रतियोगिता मे 06 विद्यालयों के लगभग 20 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतियोगिता में भाग लिया गया। अपरान्ह में श्रीमती सुरेखा कामले द्वारा ध्रुपद गायन, तत्पश्चात् श्री दिलीप धौलपुरे द्वारा कबीर वाणी तथा अपरान्ह 4.30 बजे से जे.के. म्युजिकल ग्रुप द्वारा ऑर्केस्ट्रा की रंगारंग प्रस्तुति के उपरांत सायं 7.00 बजे से विरासत सूफी को म्युजिकल प्रस्तुति का लोगों ने भरपूर आनंद लिया। प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को संघ की प्रबंध संचालक, डॉ० समीता राजोरा द्वारा पुरूस्कार प्रदान किये गये। निःशुल्क चिकित्सा के लिये स्थापित ओ.पी.डी. में 105 से अधिक आयुर्वेदिक चिकित्सक़ों एवं परंपरागत वैद्यों द्वारा 250 से अधिक लोगों को निःशुल्क परामर्श देकर लाभान्वित किया गया। यह ओ.पी.डी. मेला अवधि में निःशुल्क प्रतिदिन की भांति जारी रहेगी ।
शनिवार 20 दिसम्बर के कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में अकाष्ठीय वनोपज से सामुदायिक विकास "वनों की समृद्धि को सामुदायिक जनकल्याण से जोड़ना" विषय पर कार्यशाला एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविर प्रातः 10.30 बजे से होगा। प्रातः 10.30 से 3.00 बजे तक छात्र-छात्राओं की चित्रकला प्रतियोगिता, अपरान्ह 3.00 से 3.45 बजे तक बुन्देली गायन, 4.30 से 6.30 तक राजस्थानी लोकनृत्य, 4.30 से 6.30 तक सरगम म्यूजिकल ग्रुप द्वारा ऑर्केस्ट्रा एवं सायं 7.00 बजे से मानसरोवर आयुर्वेदिक कॉलेज द्वारा फ्लैश मॉब तथा इसके उपरांत "एक शाम वन विभाग के नाम" (फॉरेस्ट मैलोडी) की प्रस्तुति दी जावेगी।

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