कोलकाता
बाबरी से मिलती जुलती मस्जिद बनाने का दावा कर रहे विधायक हुमायूं कबीर के तृणमूल कांग्रेस ने निलंबित कर दिया है। कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले में मस्जिद की नींव रखने की बात कही थी। इसके बाद से ही प्रशासन अलर्ट मोड पर था। खबर है कि टीएमसी विधायक के इस फैसले से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज थीं। हालांकि, इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया।
कोलकाता मेयर फिरहाद हाकिम ने टीएमसी के फैसले की जानकारी दी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा, 'हमने देखा था कि मुर्शिदाबाद के हमारे विधायकों में से एक ने अचानक ऐलान कर दिया कि वह बाबरी मस्जिद बनाएंगे। अचानक बाबरी मस्जिद क्यों? हम उन्हें पहले ही चेतावनी दे दी थी। हमारी पार्टी टीएमसी के फैसले के आधार पर हम विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर रहे हैं।'
क्या ममता बनर्जी थीं नाराज
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विधायक कबीर के फैसले से सीएम बनर्जी नाराज हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सीएम और उनकी पार्टी इस फैसले के साथ नहीं हैं और यह संदेश विधायक को पहुंचा दिया गया है। एक दिन पहले भी टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी भी इस फैसले से दूरी बनाते हुए नजर आए थे उन्होंने कहा था, 'पश्चिम बंगाल के लोग ममता बनर्जी पर भरोसा करते हैं। कौन क्या कहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनका कोई महत्व नहीं है।'
रैली में जाने वाले थे कबीर
खबरें थीं कि विधायक कबीर मुर्शिदाबाद में होने वाली सीएम बनर्जी की रैली में भी शामिल होने वाले थे। उन्हें टीएमसी की तरफ से न्योता भी दिया गया था। अब एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विधायक को रैली में से हटा लिया गया है। खास बात है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी टीएमसी विधायक की तरफ से की गई घोषणा के मद्देनजर सुरक्षा का मुद्दा उठाया था।
प्रशासन को दी थी चेतावनी
कबीर ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में मुर्शिदाबाद प्रशासन पर 'आरएसएस एजेंट' के रूप में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे उनके कार्यक्रम को रोकने की कोशिश नहीं करें, वरना यह 'आग से खेलने' जैसा होगा। कबीर ने कहा, 'मैंने एक साल पहले कहा था कि मैं बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखूंगा। आपको दिक्कत क्यों हो रही है? क्या आप भाजपा के इशारे पर चल रहे हैं?' तृणमूल विधायक ने कहा कि अगर उन्हें बाबरी मस्जिद की नींव रखने से रोका गया, तो 'एनएच-34 उनके नियंत्रण में होगा, मुसलमानों के नियंत्रण में होगा।'
उन्होंने राज्य की तृणमूल सरकार पर 'आरएसएस के एजेंट' के रूप में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'मैं शांति भंग नहीं करूंगा, लेकिन अगर कोई शांतिपूर्ण कार्यक्रम में बाधा डालता है, तो मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं।'

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