मुंबई
हर दौर में कुछ मशीनें ऐसी होती हैं जो सीमाओं को तोड़ने के लिए ही बनती हैं. एक लग्ज़री सेडान कार ने भी ऐसा ही कारनामा कर दिखाया. हम बात कर रहे हैं Skoda Superb डीजल की. इस लग्ज़री सेडान ने एक बार फिर साबित किया कि कुशल इंजीनियरिंग और सटीक ड्राइविंग के मेल से चमत्कार भी संभव हैं.
फुल टैंक में 2,831 किलोमीटर की दूरी तय कर इस कार ने न सिर्फ अपना नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है, बल्कि यह भी दिखाया कि डीज़ल तकनीक आज भी फ्यूल इफिशिएंसी में बेजोड़ है. Skoda Superb के जिस मॉडल ने ये रिकॉर्ड बनाया है वो कोई खास मॉडिफाई की गई या रेसिंग मशीन नहीं थी. यह एक स्टैंडर्ड प्रोडक्शन मॉडल है.
रेगुलर इंजन से लैस कार
इस कार में रेगुलर 2.0 लीटर चार सिलिंडर डीज़ल इंजन दिया गया है. जो 148 बीएचपी की पावर और 360 एनएम टॉर्क जनरेट करता है. इसमें 7-स्पीड DSG ऑटोमैटिक गियरबॉक्स दिया गया है जो परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी दोनों का संतुलन बनाए रखता है. इस कार ने यह दिखा दिया कि अगर इंजीनियरिंग, एयरोडायनामिक्स और ड्राइविंग अनुशासन एक साथ हों, तो अद्भुत परिणाम मिल सकते हैं.
ख़ास तरह से की गई ड्राइविंग
इस रिकॉर्ड के पीछे ख़ास प्लानिंग ने काम किया है. ड्राइवरों ने कार को ‘ईको मोड’ में चलाया और थ्रॉटल रिस्पॉन्स को बेहद संतुलित रखा. गियर शिफ्टिंग को स्मूथ बनाए रखने पर ध्यान दिया गया. औसत गति लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई ताकि इंजन बेहतर माइलेज दे सके. कार में कम रोलिंग रेसिस्टेंस वाले टायर लगाए गए थे और टायर प्रेशर फैक्ट्री रेट पर रखा गया था. एयर रेसिस्टेंस कम करने के लिए कार को आगे चल रही गाड़ियों के पीछे चलाया गया. इन छोटे-छोटे उपायों ने मिलकर बड़ी सफलता का रास्ता तैयार किया.
कहां… किसने और कैसे बनाया ये रिकॉर्ड
इस अद्भुत उपलब्धि के पीछे हैं यूरोपियन रैली चैम्पियन मिको मार्चिक (Miko Marczyk), जिन्होंने इस कार को चलाया. उन्होंने इस कार को पोलैंड से चलाना शुरू किया और जर्मनी और पेरिस तक यात्रा की. इसके बाद वो वापस लौटते हुए नीदरलैंड्स, बेल्जियम और फिर जर्मनी के रास्ते पोलैंड पहुंचे. इस दौरान उन्होंने तकरीबन 2831 किलोमीटर तक का सफर किया. अपने सटीक ड्राइविंग स्किल और डिसिप्लिन ड्राइविंग के दम पर उन्होंने स्कोडा सुपर्ब डीजल सेडान से वो कर दिखाया जो अब तक असंभव माना जा रहा था.
यह ऐतिहासिक यात्रा यूरोप में हुई, जहाँ मौसम की स्थिति लगातार बदलती रही. कई हिस्सों में तापमान मात्र 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. जबकि कुछ इलाकों में कार को पहाड़ी रास्तों पर चढ़ाई का सामना करना पड़ा. लेकिन इन तमाम परिस्थितियों के बीच Superb Diesel ने कमाल की स्टेबिलिटी बनाए रखी. कुछ हिस्सों में तो इस कार ने मात्र 2.2 लीटर प्रति 100 किलोमीटर की डीजल खपत दर्ज की, जो अपने आप में एक शानदार आंकड़ा है.
करीब 1.6 टन वज़न वाली यह लग्ज़री सेडान आमतौर पर अपने आराम और स्टाइल के लिए जानी जाती है, लेकिन इस रिकॉर्ड ने साबित कर दिया कि सही ड्राइविंग और संतुलित सेटअप के साथ यह माइलेज के मामले में किसी हैचबैक को भी टक्कर दे सकती है. Skoda Superb Diesel की यह उपलब्धि न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए प्रेरणादायक है. यह याद दिलाती है कि किसी भी तकनीक को अगर सही दिशा और सोच दी जाए, तो उसकी संभावनाएं अनंत होती हैं.
तो अगली बार जब कोई पूछे “कितना देती है?”, तो Skoda Superb डीजल का यह रिकॉर्ड जवाब बनकर सामने आएगा. यह सिर्फ एक कार की कहानी नहीं, बल्कि आधुनिक इंजीनियरिंग की जीत का प्रतीक है.

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