
नई दिल्ली
सोने की चमक ने सबको चकाचौंध कर रखा है। इसने एक साल में ताबड़तोड़ तेजी दर्ज की है। इस दौरान यह करीब 53% तक चढ़ा है। दूसरे किसी भी एसेट क्लास में ऐसी बंपर तेजी देखने को नहीं मिली है। हालांकि, 17 सितंबर से पहले सोने की कीमतों में तेजी पर कुछ अंकुश लग सकता है। अगले हफ्ते बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों पर फैसला लेने वाला है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि आगे चलकर सोने की चमक बनी रहेगी। वे टैरिफ के असर, ब्रिटेन और यूरो क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़ों और बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान की बैठकों पर नजर रखेंगे।
सोने की कीमतों में तेजी आई है। लेकिन, अब यह रफ्तार धीमी हो सकती है। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रणव मेर का कहना है कि निवेशक अब सतर्क हो गए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में सोने के दाम काफी बढ़ गए हैं। इसलिए, वे अब और ज्यादा पैसा लगाने से डर रहे हैं।
17 सितंबर पर दुनिया की नजर
मेर ने कहा कि पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण सोने के दाम बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोने और चांदी के दाम बढ़ सकते हैं। लेकिन, निवेशकों को फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों का इंतजार है। ऐसे में कीमतों में कुछ बदलाव हो सकता है। फेडरल रिजर्व की दो दिन की बैठक 16 सितंबर को शुरू होगी। नीतिगत फैसले की घोषणा 17 सितंबर को की जाएगी।
एंजल वन के प्रथमेश माल्या ने कहा कि अमेरिका में भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगने और रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई बढ़ने से सोने के दाम में तेजी आना कोई हैरानी की बात नहीं है।
सोने के दाम में तेजी क्यों आई?
भू-राजनीतिक तनाव | पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन में बढ़ते तनाव के कारण निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश मानकर इसमें पैसा लगा रहे हैं। |
व्यापार शुल्क (टैरिफ) | अमेरिका में भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगने से भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। |
आगे क्या हो सकता है?
कीमतों में स्थिरता | फेडरल रिजर्व के आगामी फैसले तक सोने के दाम स्थिर रह सकते हैं। |
तेजी जारी रह सकती है | जानकारों के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव और अन्य वैश्विक कारकों के कारण आगे भी सोने के दाम बढ़ सकते हैं। |
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
सतर्क रहें | सोने में निवेश करते समय सावधानी बरतें और बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखें। |
फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार करें | कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले फेडरल रिजर्व के 17 सितंबर के फैसले का इंतजार करें, क्योंकि यह सोने के भविष्य के दाम तय कर सकता है। |
प्रणव मेर ने कहा, 'सोने की कीमतों में सकारात्मक रफ्तार जारी रही और यह लगातार चौथे सप्ताह बढ़त के साथ बंद हुआ। हालांकि, सप्ताह के मध्य में बढ़त की रफ्तार कुछ धीमी हो गई। पिछले चार हफ्तों में कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी के बाद निवेशक और कारोबारी अब सतर्क हो गए हैं। मौजूदा कीमतों पर नए तेजी के सौदे जोड़ने से हिचक रहे हैं।'
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