नई दिल्ली
भारत सेमीकंडक्टर की दुनिया में अपने आप को स्थापित करने के लिए दिन-रात एक कर रहा है। इस साल के आखिर में भारत के पास पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप भी होने वाली है। इसी बीच नीति आयोग ने कहा है कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है। इसके लिए 2D मटेरियल्स का इस्तेमाल किया जाएगा। इनके इस्तेमाल से ना सिर्फ ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि कंप्यूटिंग की स्पीड में भी सुधार हो सकता है। यही कारण है कि नीति आयोग का मानना है कि भारत सेमीकंडक्टर सेक्टर को लीड करने की क्षमता रखता है। चलिए, समझते हैं कि 2D मटेरियल्स क्या हैं और सेमीकंडक्टर निर्माण में इनका क्या महत्व है?
2D मटेरियल्स ऐसी सब्सटेंस है, जो बहुत ही पतली होती है। इसकी मोटाई एक या कुछ एटम जितनी ही होती है। यह एक या कुछ एटम की मोटाई वाली। ये मटेरियल्स इतनी पतली होती है कि इन्हें देखना भी मुश्किल है। कल्पना करें कि आपका स्मार्टफोन कागज की तरह मोड़ा जा सकता है, लेकिन वह टूटता नहीं या फिर ऐसी स्क्रीन जो इतनी पतली हो कि नजर ही ना आए। ये 2D मटेरियल्स बिजली, प्रकाश और ताकत के मामले में आम 3D मटेरियल्स से बहुत अलग होती हैं। इनका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर, मेमोरी चिप्स, क्वांटम डिवाइस और फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स में हो सकता है।
2D मटेरियल्स के क्या फायदे?
नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि 2D मटेरियल्स से बने ट्रांजिस्टर बहुत कम बिजली खर्च करते हैं। ये नॉर्मल ट्रांजिस्टर के मुकाबले पांच से दस गुना कम ऊर्जा लेते हैं। इससे स्मार्टफोन की बैटरी कई दिनों तक चल सकती है। इसके अलावा, ये मटेरियल्स तेज और ठंडे रहने वाले प्रोसेसर यानी सीपीयू और जीपीयू बनाने में मदद कर सकती है। इससे प्रोसेसर गर्म नहीं होंगे और ज्यादा तेजी से काम करेंगे। यह तकनीक AI और बाकी छोटे-छोटे गैजेट्स के लिए बहुत काम की हो सकती है।
रिसर्च शुरुआती दौर में है
2D मटेरियल्स में भारत की संभावनाएं कम मानी जाती हैं, लेकिन रिसर्च शुरुआती दौर में है। भारत में वैज्ञानिक अभी इन 2D मटेरियल्स को बनाने और उनके बुनियादी चीजों को समझने पर काम कर रहे हैं। लेकिन बड़े पैमाने पर उत्पादन, करने की दिशा में अभी बहुत काम बाकी है। नीति आयोग का मानना है कि अगर भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े, तो यह तकनीक दुनिया के सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत का परचम फहरा देगी।
बिजली की खपत कम होगी
2D मटेरियल्स का इस्तेमाल सिर्फ तकनीक को ही बेहतर बनाएगा, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद होंगी। इनसे बिजली की खपत कम होगी, जिससे ऊर्जा की बचत होगी।नई तरह की कंप्यूटिंग डिवाइस बनाने में मदद मिलेगी, जैसे- छोटे और हल्के AI डिवाइस, पहनने वाले गैजेट्स और क्वांटम प्रोसेसर। यदि भारत इस दिशा में आगे बढ़ता है, तो वह दुनिया में तकनीकी दौड़ में सबसे आगे हो सकता है।

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