
इंदौर
मध्यप्रदेश में बिजली व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी है। अगस्त 2025 से यहां प्रीपेड बिजली व्यवस्था लागू की जा सकती है। इसमें उपभोक्ताओं को मोबाइल की तरह विद्युत मीटर रिचार्ज कराना होगा। इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से होगी, लेकिन 2026 से यह आम उपभोक्ता भी इस अपना सकेंगे। सरकार ने यह निर्णय बिजली खपत पर नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया है।
मोबाइल को जिस तरह पहले रिचार्ज करवाना पड़ता है, वैसे ही अब बिजली व्यवस्था होगी। बिजली उपयोग करने से पहले रिचार्ज करवाना होगा। इसकी शुरुआत अगस्त से सरकारी कार्यालयों से होने जा रही है। इसके बाद व्यावसायिक और घरेलू कनेक्शनों में भी प्री-पेड सुविधा लागू होगी। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी राज्य शासन और नियामक आयोग के आदेशानुसार प्रीपेड बिजली प्रणाली लागू कर रही है।
सबसे पहले शासकीय बिजली कनेक्शनों को प्रीपेड मोड पर किया जाएगा। कंपनी ने इंदौर समेत सभी 15 जिले में तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी ने पहले ही बड़े शहरों में स्मार्ट मीटर स्थापित कर दिए हैं, इसलिए प्रीपेड व्यवस्था के लिए पश्चिम क्षेत्र कंपनी को आसानी होगी। नई व्यवस्था से बिजली कंपनी को खासा फायदा होगा। नगर निगम समेत कई ऐेसे विभाग हैं जिनका करोड़ों रुपया बकाया है।
शुरुआत में दो महीने की राशि लेंगे
नई व्यवस्था के तहत सरकारी बिजली कनेक्शनों के संबंधित अधिकारी की सहमति से कोषाधिकारी द्वारा दो माह का अग्रिम बिल बिजली कंपनी को प्रदान किया जाएगा। राशि न मिलने के पंद्रह दिनों में संबोधित जोन, वितरण केंद्र प्रभारी, कार्यपालन यंत्री द्वारा अधीक्षण यंत्री के माध्यम से अपडेट की सूचना कोषाधिकारी को दी जाएगी।
प्रीपेड में25पैसे यूनिट की विशेष छूट
प्रीपेड व्यवस्था में संबंधित उपभोक्ता को 25 पैसे यूनिट की विशेष छूट दी जाती है। पहले चरण में इंदौर शहर के करीब 1500 और कंपनी क्षेत्र के 11 हजार से ज्यादा शासकीय कनेक्शनों को प्रीपेड किया जाएगा। बिजली कंपनी को इन कनेक्शनों को फिलहाल दो माह का अग्रिम बिल भुगतान हो जाएगा। प्री-पेड बिजली बिलों के लिए राज्य के वित्त मंत्रालय ने सभी जिलों को सूचना भेज दी है। मौजूदा खपत के आधार पर राशि हर बार ली जाएगी।
सरकारी ऑफिसों से होगी शुरुआत
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुताबिक, अगस्त से मालवा-निमाड़ के 10 हजार सरकारी ऑफिस प्रीपेड सिस्टम में शिफ्ट होंगे। इनमें 1550 कार्यालय इंदौर के शामिल हैं। दिसंबर 2025 तक सभी 50 हजार सरकारी ऑफिसों में यह व्यवस्था लागू होगी।
पहले चरण में अस्पताल, थाने और जल आपूर्ति इकाइयों जैसे सीधे जनता से जुड़े विभागों को राहत दी जाएगी। इनके कनेक्शन बाद में प्रीपेड मोड में तब्दील किए जाएंगे।
दो माह का अग्रिम बिल देना होगा
प्रीपेड प्रणाली के तहत सरकारी विभागों को 2 माह का बिजली बिल एडवांस में जमा करना होगा। यह राशि उनके दो वर्ष के औसत बिल के आधार पर निर्धारित की जाएगी। किसी दफ्तर का औसत बिल यदि 2000 रुपए है तो दो माह के लिए 4000 रुपए एडवांस जमा करने होंगे।
आम उपभोक्ताओं के लिए अलग व्यवस्था
प्रीपेड व्यवस्था दूसरे चरण में आम उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी, लेकिन सरकारी विभागों की तरह उन्हें अग्रिम भुगतान नहीं करना होगा। बल्कि मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली रिचार्ज करना होगा। जैसे-जैसे बिजली खर्च होगी, उनका बैलेंस घटता जाएगा। उपभोक्ता के पास बैलेंस चेक करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
प्रीपेड मीटर के फायदे: 100 रुपए से रिचार्ज, 25 पैसे छूट
सूत्रों के अनुसार, आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली रिचार्ज की यह सुविधा ₹100 से शुरू होगी। इसकी अंतिम दर टैरिफ के आधार पर तय होगी। प्रीपेड सिस्टम में शिफ्ट होने वाले उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट विशेष छूट मिलेगी। अभी जो सब्सिडी मिलती है, वह भी मिलती रहेगी। इसके लिए अगल से मीटर लगाने की जरूरत नहीं है। स्मार्ट मीटर ही प्रीपेड मोड का कार्य करेंगे।
केंद्र का निर्देश: समयसीमा में पूर्णता अनिवार्य
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने अगस्त तक सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। बिजली कंपनियां अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उन पर पेनल्टी लगाए जाने का भी प्रावधान है।
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अनूप कुमार सिंह के मुताबिक, स्मार्ट मीटर और सूचना प्रौद्योगिकी की टीमों को अगस्त 2025 तक सभी जरूरी तैयारियां पूरी करने के लिए कहा गया है। प्रथम चरण में चुनिंदा शासकीय कार्यालय जोड़े जाएंगे।
अस्पताल, थाने को छूट
फिलहाल आकस्मिक सरकारी विभाग जैसे अस्पताल, थाने, जल प्रदाय से संबंधित कनेक्शनों को शामिल नहीं किया जा रहा है। इसके बाद अगले क्रम में और कनेक्शन जोड़े जाएंगे।
पश्चिम क्षेत्र कंपनी प्रीपेड बिजली बिलिंग, वितरण की तैयारी कर रही है। पहले चरण में चुनिंदा शासकीय कार्यालयों को प्रीपेड बिजली वितरण व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। अगस्त तक सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। – अनूप कुमार सिंह, एमडी, मप्रपक्षेविविकं इंदौर
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