नई दिल्ली
कई महीनों से केन्द्र सरकार के पेंशनभोगी और कर्मचारी इस चिंता में थे कि क्या 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) उनकी पेंशन को फिर से तय किया जाएगा या नहीं. सरकार ने जैसे ही 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस जारी किए, अलग-अलग कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि पेंशन संशोधन को भी इसमें साफ-साफ शामिल किया जाए. आम लोगों में भी भ्रम फैल गया था कि शायद पेंशन की समीक्षा इसमें नहीं है. इसी उलझन को दूर करते हुए वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में साफ कर दिया है कि 8वां वेतन आयोग पेंशन से जुड़े मुद्दों पर भी अपनी सिफ़ारिशें देगा. यह जानकारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि लाखों पेंशनर्स लंबे समय से किसी स्पष्ट जवाब का इंतजार कर रहे थे.
राज्यसभा में सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने अनस्टार्ड प्रश्न के जरिये पूछा कि क्या सचमुच 8वें CPC में पेंशन संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है? इसके जवाब में वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ कहा कि यह बात गलत है. उन्होंने कहा, “8वां आयोग वेतन, भत्तों और पेंशन आदि से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी सिफ़ारिशें देगा.” इस जवाब ने पेंशनभोगियों को राहत दी है, क्योंकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि पेंशन की समीक्षा भी आयोग की कार्यसूची में शामिल है.
DA, DR को मूल वेतन में मर्ज करने का प्लान?
इसके साथ ही, दोनों सांसदों ने यह भी पूछा कि क्या सरकार महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन में मर्ज करने का कोई प्लान बना रही है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को तत्काल राहत मिल सके?
इस पर पंकज चौधरी ने दो टूक जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. उन्होंने कहा, “वर्तमान में महंगाई भत्ता को मूल वेतन में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है.” जनवरी 2024 में जब DA 50 फीसदी तक पहुंच गया था, तब कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार से इस मर्जर की मांग की थी, क्योंकि इससे भविष्य की सैलरी और पेंशन दोनों बढ़ जाती हैं. लेकिन सरकार लगातार यह साफ करती रही है कि वह इस दिशा में कदम उठाने की योजना नहीं रखती.
सांसदों का एक और सवाल था कि क्या 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया है? इस पर मंत्री पंकज चौधरी ने पुष्टि की कि सरकार ने 03.11.2025 की तारीख वाला नोटिफिकेशन जारी करके गठन को मंजूरी दे दी है और इसके टर्म ऑफ रेफरेंस भी जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी गई है. इसका मतलब है कि आयोग औपचारिक रूप से अपना काम शुरू कर चुका है और आने वाले समय में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नई सिफ़ारिशों का रास्ता खुल जाएगा.

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